नयी दिल्ली, दो मार्च (भाषा) भुगतान स्टार्ट-अप भारतपे ने सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर को उनके कथित गलत आचरण के कारण कंपनी में सभी पदों से हटा दिया है। अब कंपनी ग्रोवर की कुछ शेयर हिस्सेदारी वापस लेने सहित उनके खिलाफ कानूनी कदम भी उठा सकती है।
दुकानदारों को क्यूआर कोड के जरिए डिजिटल भुगतान करने की सुविधा देने वाली भारतपे ने बुधवार को एक बयान में कहा कि निदेशक मंडल की आगामी बैठक का एजेंडा मिलने के साथ ही ग्रोवर ने मंगलवार को पद से इस्तीफा दिया था।
कंपनी के निदेशक मंडल की मंगलवार शाम को बैठक हुई थी जो देर रात तक चली। इस बैठक में ग्रोवर के कदमों की स्वतंत्र लेखा जांच पर भी चर्चा हुई। बैठक के बाद कंपनी की ओर से जारी बयान में ग्रोवर को सभी पदों से हटाए जाने की जानकारी दी गई।
भारतपे ने कहा कि लेखा जांच रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों के आधार पर उसे कार्रवाई करने का अधिकार है। बयान के मुताबिक, ‘‘ग्रोवर परिवार और उनके रिश्तेदार कंपनी के कोष में बड़े पैमाने पर हुई अनियमितता में लिप्त रहे हैं। वे यहीं नहीं रूके, फर्जी वेंडर बनाकर कंपनी के खातों से पैसे की हेराफेरी की गई और कंपनी के धन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया।’’
एक मार्च की मध्यरात्रि से कुछ मिनट पहले ग्रोवर को निदेशक मंडल की बैठक का आमंत्रण मिला जो मंगलवार यानी दो मार्च की शाम को होनी थी। मंगलवार को ग्रोवर ने इस्तीफा दे दिया।
सूत्रों ने कहा कि भारतपे के निदेशक मंडल ने प्रबंध निदेशक और कंपनी के निदेशक मंडल के निदेशक के पद से ग्रोवर के इस्तीफे को संज्ञान में लिया। हालांकि ग्रोवर ने निदेशक मंडल की मंजूरी के बगैर इस्तीफा दिया जिससे कंपनी को यह अधिकार है कि वह उनके हिस्से के 1.4 फीसदी तक शेयर वापस ले सकती है। अभी भारतपे में ग्रोवर की 9.5 फीसदी हिस्सेदारी है।
संपर्क किए जाने पर ग्रोवर ने कहा कि कंपनी के निजी प्रकृति वाले बयान से उन्हें कोई हैरानी नहीं हुई। उन्होंने कहा, ‘‘इस बयान के पीछे निजी तौर पर नफरत और घटिया सोच है। मैं यह जानना चाहता हूं कि अमरचंद, पीडब्ल्यूसी और एऐंडएम में से किसने जीवनशैली का ऑडिट करना शुरू किया है।’’
ग्रोवर ने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि निदेशक मंडल जल्द काम शुरू करे। एक हितधारक होने के नाते मुझे मूल्यांकन घटने की चिंता है। मैं कंपनी और निदेशक मंडल के जल्द बेहतर होने की कामना करता हूं।’’
भारतपे ने कंपनी के कोष में बड़े पैमाने पर अनियमितता में ग्रोवर के परिवार और संबंधियों की लिप्तता भी पाई है।
कंपनी ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘‘निदेशक मंडल ग्रोवर परिवार के निंदनीय आचरण से भारतपे, इसके मेहनती कर्मचारियों और विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी की प्रतिष्ठा को धूमिल नहीं होने देगा। ग्रोवर अपने गलत कामों की वजह से अब कंपनी के संस्थापक या निदेशक या कर्मचारी तक नहीं हैं।’’
भाषा
मानसी प्रेम
प्रेम
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.