नई दिल्ली: पोलैंड की राजधानी वॉरसा में स्थित भारतीय दूतावास ने लवीव,तर्नोपिल और पश्चिमी यूक्रेन के अन्य हिस्सों में फंसे भारतीयों को सलाह दी है कि वे जल्द से जल्द पोलैंड की सीमा में दाखिल होने के लिए बुडोमिर्ज सीमा चौकी पर पहुंचें.
दूतावास द्वारा जारी परामर्श में भारतीयों को शेहनी-मेड्यका सीमा से बचने की सलाह दी गई है जहां पर भारी भीड़ है और लोगों को सीमा पार करने के लिए लंबी कतार में खड़ा होना पड़ रहा है.
भारत ने अपने नागरिकों को, रूस के सैन्य अभियान से बुरी तरह प्रभावित यूक्रेन से निकालने के लिए निकासी मिशन शुरू किया है और जमीन के रास्ते सीमा पार कर पड़ोसी देशों हंगरी, रोमानिया, पोलैंड और स्लोवाकिया पहुंचने के बाद उन्हें विमान के जरिये स्वदेश लाया जा रहा है.
दूतावास ने कहा, ‘लवीव और तर्नोपिल एवं पश्चिम यूक्रेन के अन्य हिस्सों में मौजूद भारतीय यथाशीघ्र बुडोमिर्ज सीमा चौकी जा सकते हैं जहां से वे अपेक्षाकृत शीघ्र पोलैंड में दाखिल हो सकते हैं.’
परामर्श में कहा, ‘वैकल्पिक तौर पर उन्हें दक्षिण में हंगरी या रोमानिया के रास्ते निकासी की सलाह दी जाती है. उन्हें शेहनी मेड्यका सीमा चौकी से बचना चाहिए जहां भारी भीड़ है.’
दूतावास ने कहा कि उसने मेड्यका और बुडोमिर्ज सीमा चौकी पर अपने अधिकारियों को भी तैनात किया है जो वहां पहुंचने वाले भारतीयों की अगवानी करेंगे और उनकी भारत वापसी को सुगम बनाएंगे.
परामर्श में कहा गया है, ‘जो लोग, पोलैंड में किसी अन्य सीमा से दाखिल हो रहे हैं और जहां पर भारतीय अधिकारियों की तैनाती नहीं की गई है वे जेजो शहर स्थित प्रेजीडेंकी, उन पोडविस्लोक्जे 48 होटल जा सकते हैं जहां पर उनके रहने की व्यवस्था की गई है . वहां से ऑपरेशन गंगा के तहत संचालित हो रही उड़ानों से उन्हें भारत भेजा जाएगा.’
दूतावास की ओर से कहा गया कि विद्यार्थी के पास रुपये नहीं होने की स्थिति में वह (दूतावास) होटल के बिल का भुगतान करेगा.
उल्लेखनीय है कि विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार की रात को बताया कि भारतीयों को लाने के लिए अगले तीन दिन में 26 उड़ानों को संचालित करने का कार्यक्रम है.
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