पटना, 28 फरवरी (भाषा) बिहार के वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सोमवार को 2022-23 के लिए राज्य का राजस्व अधिशेष का बजट पेश किया। बजट में किसी नए कर का प्रस्ताव नहीं है। राज्य के बजट में इस बार शिक्षा, उद्योग, कृषि और ग्रामीण-शहरी बुनियादी ढांचे पर विशेष जोर दिया गया है।
विधानसभा में बजट पेश करते हुए प्रसाद ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में बिहार का कुल व्यय 2,37,691.19 करोड़ रुपये और प्राप्तियां 2,37,891.94 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में कुल खर्च 2,37,691.19 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो 2021-22 के 2,18,302.70 करोड़ रुपये के बजट अनुमान से 19,388.49 करोड़ रुपये अधिक है।
उन्होंने कहा कि 2022-23 में राजस्व अधिशेष 4,747.84 करोड़ रुपये रहेगा। इस राशि का इस्तेमाल सड़क, भवन, बिजली, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्रों और सिंचाई योजनाओं में किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 9.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
प्रसाद राज्य के उपमुख्यमंत्री भी हैं। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा राज्य सकल घरेलू उत्पाद के 3.47 प्रतिशत पर रहेगा।
उन्होंने बताया कि 2022-23 में शिक्षा विभाग का खर्च 39,191.87 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। वहीं स्वास्थ्य क्षेत्र का खर्च 16,134.39 करोड़ रुपये रहेगा।
प्रसाद ने कहा, ‘‘हमारी सरकार इन दोनों क्षेत्रों को शीर्ष प्राथमिकता दे रही है और उसी के अनुरूप कोष का आवंटन किया गया है।’’
उन्होंने कहा कि ‘सात निश्चय’ कार्यक्रम के दूसरे चरण के लिये 5,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। इसे नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राजग की नवंबर 2020 में सत्ता में वापसी के तुरंत बाद लागू किया गया था।
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