नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) रूस के हमले के बाद यूक्रेन में हालात बिगड़ने पर वहां फंसे सैकड़ों भारतीय छात्रों ने बृहस्पतिवार को सरकार से उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की अपील की।
सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए हैं जिनमें छात्रों ने भावुक होते हुए भारतीय अधिकारियों से उनकी वापसी की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आग्रह किया। सोशल मीडिया पर वायरल इन वीडियो को कई प्रमुख हस्तियों ने साझा किया है और सरकार से इस संबंध में कदम उठाये जाने का आह्वान किया है।
ऐसे ही एक वीडियो में, यूक्रेन की राजधानी कीव के एक रेलवे स्टेशन पर लगभग 12 दृष्टिबाधित छात्र फंसे हुए देखे गए।
छात्रों में से एक को वीडियो में कहते हुए सुना जा सकता है, ‘‘हम बहुत चिंतित हैं। हम कल रात से रेलवे स्टेशन पर फंसे हुए हैं। दूतावास जवाब नहीं दे रहा है। हमारे पास जाने के लिए कोई टैक्सी उपलब्ध नहीं है। दूतावास से कोई मदद नहीं है। हमें क्या करना चाहिए।’’
एक अन्य वीडियो में, छात्रों को अपने बैग के साथ भारतीय दूतावास के बाहर खड़े देखा गया, जो अधिकारियों से किसी भी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे थे।
एक अनुमान के अनुसार, वर्तमान में 20,000 से अधिक भारतीय यूक्रेन में रह रहे हैं जिनमें से अधिकतर छात्र हैं ।
यूक्रेन में भारत के दूतावास ने देश में भारतीय नागरिकों को कीव की यात्रा करने से बचने की सलाह दी है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा सुबह एक संबोधन में, यूरोपीय देश के खिलाफ सैन्य अभियान की घोषणा के बाद यूक्रेन के कई शहरों में दहशत फैल गई। इससे दोनों देशों के बीच पूर्ण पैमाने पर सैन्य टकराव की आशंका पर गंभीर चिंताएं पैदा हो गई हैं।
इस बीच, आधिकारिक सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि भारत यूक्रेन में अपने नागरिकों, विशेषकर छात्रों की सहायता करने के तरीकों पर विचार कर रहा है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भारत यूक्रेन में ‘तेजी से बदल रही’ स्थिति और उस देश में भारतीयों की सहायता करने के तरीकों की बारीकी से निगरानी कर रहा है।
भाषा रंजन देवेंद्र
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