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Monday, 25 November, 2024
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कैसे एक पूर्व इंफोसिस इंजीनियर बना एक अमीर बिटकॉइन माइनर और साथ ही एक “भगौड़ा”

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अमित भारद्वाज पर आरोप है कि वह एक लुभावनी योजना बिटकॉइन का उपयोग करके दुबई के लिए चंपत हो गया, योजना के द्वारा चूना लगाई हुई अनुमानित रकम 2000 करोड़ बताई जा रही है।

नई दिल्ली: अमित भारद्वाज शालीमार बाग के एक पूर्व सरकारी कर्मचारी का बेटा है, जो अब दुबई की अल्ट्रा-मार्केट बुर्ज खलीफा में एक आलीशान घर का मालिक है। लेकिन यहाँ पर कहानी उन कुछ चुनिन्दा मध्यम वर्गीय लोगों की नहीं है जो अपनी मेहनत के दम पर लम्बे समय में धनी हुए हैं, यहाँ पर मामला गलत तरीके से कम समय में अमीर होने का है।

अमित भारद्वाज, जो कि एक पूर्व सॉफ्टवेयर डेवलपर (इंफोसिस) और स्टॉक ब्रोकर भी हैं, पर आरोप है कि एक लुभावनी योजना बिटकॉइन, जो की एक अनियमित डिजिटल ‘क्रिप्टोकरेंसी’ है और साथ ही जो अपने मूल्य में तेज गति से वृद्धि होने के कारण सुर्खियों में छा रही है, के माध्यम से लोगों के लगभग 2000 करोड़ रूपए की ठगी करके दुबई भाग गया।

अमित भारद्वाज, जिनके सभी कारोबारों का लाखों का टर्नओवर बताया जा रहा है, उनपर धोखाधड़ी के चलते राज्य सरकारों का शिकंजा कसता जा रहा है और जाँच एजेंसियाँ इस भगौड़े को देश में वापस लाने का प्रयास कर रही हैं।

‘घोटाला’

रविवार की शाम तक, एक बिटकॉइन की कीमत सिर्फ 4.26 लाख रुपये से कुछ अधिक थी। लेकिन 2017 में, एक बिटकॉइन की कीमत बढ़कर 10 लाख रुपये तक हो गई।

अमित भारद्वाज की लुभावनी योजना के तहत, उसने लोगों को झांसा दिया कि वह एक बिटकॉइन की खरीद पर अगले आने वाले ढेड़ साल तक हर महिने उस बिटकॉइन की कीमत का 10 प्रतिशत अधिक मूल्य देगा। इसका मतलब यह था कि कि 18 महीने की अवधि के अंत तक, एक निवेशक का पैसा जो उसने निवेश किया था उसका लगभग दोगुना हो जाना चाहिए था।

बिटकॉइन के सभी लेन-देन बाइटेक्स के द्वारा किए गए थे, जो मुद्रा के लिए एक वॉलेट बैंक है। परिणाम स्वरूप, इसमें भारतीय मुद्रा की कोई भागीदारी नहीं थी और इसलिए कर भरने का कोई दायित्व भी नहीं था।

इस वजह से निवेशक और भी ज्यादा प्रोत्साहित हुए और लोगों ने अधिक संख्या में बढ़-चढ़ कर निवेश किया। दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच के उपायुक्त भीष्म सिंह ने कहा, कि “भारद्वाज ने एक बहु-स्तरीय विपणन (मल्टी लेवल मार्केटिंग, एमएलएम) योजना बनाई, जहां उसने उन निवेशकों को और लुभावने सपने दिखाए जो अधिक लोगों को इस योजना से जोड़ेंगे।”

मल्टी लेवल मार्केटिंग, एमएलएम योजना में, प्रत्येक नामांकित व्यक्ति को निवेश करने के लिए एक निश्चित संख्या में लोगों को जोड़ना होता था, जिससे उन्हें कमीशन  प्राप्त होता था।

सिंह ने भारद्वाज की योजना के बारे में कहा, ” अंत में वो कमीशन वाली रकम निवेशक के रिटर्न में जुड़के उनके खातों में पहुँच जाएगी,”

सिंह द्वारा “निवेशकों को आकर्षित करने के लिए, उनकी कंपनियों ने पांच सितारा होटल में सेमिनारों का आयोजन करने के साथ-साथ विख्यात व्यक्तियों (सेलिब्रिटीज) को भी आमंत्रित किया। सिंह ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए सेमिनार में बिटकॉइन की अवधारणा को भी समझाया कि एक निवेशक, बिटकॉइन में पैसों का निवेश कर उनमें किस तरह से वृद्धि कर सकता है।

भारद्वाज की योजना ने रिटर्न को तीन रूपों में प्रस्तुत किया: 18 महीने के लिए उनके निवेश पर 10 प्रतिशत की मासिक वापसी; अधिक लोगों का निवेश करने के लिए रोपिंग में एक बार का भुगतान; और एक पैसा कमाने का अंतहीन जरिया

जब निवेशक ‘धोखाधड़ी’ को लेकर जागृत हुए

हालांकि, जो वादा किया गया था वो नहीं पूरा किया गया। चूंकि बिटकॉइन की कीमतों में व्यापक रुप से वृद्धि हुई जिससे की निवेशकों को भारी रिटर्न मिलना था, भारद्वाज ठगी करने लगा।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “चूंकि बिटकॉइन्स लोकप्रिय होने के साथ उसकी कीमत में भी इजाफा हो गया, जिसने भी अपना पैसा निवेश के रुप में लगाया था भारद्वाज को उसे 10 गुना वापस करना था, इसलिए उसने लौटाना बंद कर दिया और कई निवेशकों को धोखा भी दिया।

प्रत्येक बार जब भी बिटकॉइन का लेनदेन किया जाता है उस लेनदेन का ब्योरा धारकों को मोबाइल-फोन-एप्लिकेशन-आधारित ई-वॉलेट पर दिखता था। ऐप निवेशकारों के बीटककॉइन बैलेंस, बाज़ार में इसका वर्तमान मूल्य और अन्य लेन-देन विवरणों के बारे में जानकारी देता है। वॉलेट के माध्यम से कोई भी बिटकॉइन बेच या खरीद सकता है।

 

जब वादा किया हुआ रिटर्न उनके ई-वॉलेट में वापस नहीं आता है तब निवेशकों ने यह महसूस किया कि उन्होंने जो कुछ भी किया वह गलत था।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “हालांकि, भारद्वाज की कंपनी द्वारा बिटकॉइन निवेशकों के खाते में स्थानांतरित करने का दावा किया गया था लेकिन अभी तक कभी भी निवेशकों की वॉलेट में रिटर्न आता नहीं दिखा था।” बाद में यह पता चला कि किसी भी निवेशक के खाते में स्थानांतरण कभी हुआ ही नहीं और जिसके चलते सैकड़ों लोगों को करोड़ों रुपये का धोखा दिया गया।”

“दूसरे पुलिस अधिकारी ने कहा कि ” पोंजी योजना के माध्यम से, भारद्वाज ने करोड़ों रुपये कमाकर भारत के साथ-साथ विदेश में भी बहुत सी संपत्ति खरीदी।

एक बार जब निवेशकों को यह एहसास हुआ कि उन्हें पैसों के लिए उपयोग किया गया था तब भारद्वाज के निवेशकों ने पुलिस के साथ शिकायतों को दाखिल करना शुरू कर दिया और बदले के लिए change.org पर एक याचिका शुरू कर दी जिसमें भारद्वाज की गिरफ्तारी की मांग रखी गई।

भारद्वाज ने दिल्ली, पुणे, नांदेड़, मुंबई और कोल्हापुर से निवेशकों को कथित रुप से ठगा है। इस ठगी का एक मामला दिल्ली में प्रशांत विहार में दर्ज किया गया है, जबकि कई अन्य दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को सौंपे गए हैं।

पिछले साल, महाराष्ट्र पुलिस ने कथित 2,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जाँच के लिए प्रवर्तन निदेशालय को शामिल किया था। भारद्वाज के खिलाफ एक तलाशी का नोटिस जारी किया गया है, जो अभी तक अधिकांश मामलों में अपराधी घोषित होना बाकी है।

‘घोटाले’ के पीछे का शख्स

भारद्वाज महाराष्ट्र के नांदेड़ में महात्मा गाँधी मिशन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कंप्यूटर साइंस से स्नातक है। खबरों के अनुसार, वह 35-40 साल का है।

सूत्रों के अनुसार, भारद्वाज के पिता वित्त मंत्रालय में एक कर्मचारी थे, जिन्होंने पहले अर्थशास्त्र में दिलचस्पी बढ़ाई थी। स्टॉक ब्रोकर बनने से पहले उन्होंने कुछ समय के लिए इंफोसिस के साथ काम किया।

आखिरकार, वह बिटकॉइन माइनिंग में चले गए तथा क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में कुछ शुरुआती खिलाड़ियों में से एक बन गए, जो वास्तविक बिटकॉइन की पेशकश करते हैं। वर्तमान में, भारद्वाज क्रिप्टोकरेंसी परिचालन की एक श्रृंखला के मालिक है, जो कि बिटकॉइन माइनिंग और प्रसंस्करण के साथ काम करते है, कुछ उत्पादों में गेन बिटकॉइन, जीबी माइनर्स और सबसे हाल ही में एमसीएपी की पेशकश की गई थी ।

जैसा कि बिटकॉइन में लोकप्रियता बढ़ी, भारद्वाज को समाचार चैनलों और सेमिनारों पर कई टॉक शो पर, क्रिप्टोकरेंसी क्या थी, वे कैसे काम करते थे और वे कैसे माइनिंग करते थे, विशेषज्ञों से बात करने के लिए आमंत्रित किया गया।

गेन बिटकॉइन, जीबीमाइनर्स क्या है?

हालांकि अधिकांश व्यापारियों ने बिटकॉइन की बिक्री और खरीददारी में सौदा किया है, भारद्वाज की कंपनी ने क्राइटोकरेंसी का दावा किया, एक प्रक्रिया जिसके माध्यम से नए बिटकॉइन परिसंचरण में लाए जाते हैं। क्लाउड माइनिंग, बिटकॉइन माइनिंग की एक विधि है और बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे और बिजली की आवश्यकता है।

गेन बिटकॉइन का दावा है कि इसके बिटकॉइन-माइनिंग फार्म चीन में हैं और दुनिया भर के निवेशक इसे बनाए रखने के बिना हार्डवेयर का उपयोग कर सकते हैं। गेन बिटकॉइन ने निवेशकों से मिले धन के साथ माइनिंग मशीन खरीदने का दावा किया है।

हांगकांग में स्थित एक अन्य कंपनी, जीबीमाइनर्स (गेन बिटकॉइन माइनर्स), भारत से पहले बिटकॉइन-माइनिंग पूल होने का दावा करती है। माइनिंग पूल अपने संसाधनों को जमा करने और पुरस्कार साझा करने वाले माइनर्स का एक समूह है।

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