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Friday, 15 November, 2024
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वक्फ बोर्ड ने निजामुद्दीन मरकज फिर से खोलने के लिए अदालत से अनुरोध किया

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नयी दिल्ली, 22 फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने निजामुद्दीन मरकज को फिर से खोलने के अनुरोध वाली वक्फ बोर्ड की याचिका पर मंगलवार को पुलिस से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। कोविड-19 महामारी के बीच निजामुद्दीन मरकज में मार्च 2020 में तब्लीगी जमात कार्यक्रम का आयोजन किया गया था और यह उस समय से बंद है। वक्फ बोर्ड ने दलील दी कि मार्च और अप्रैल में शब-ए-बरात एवं रमजान हैं।

केंद्र सरकार के वकील ने न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता को सूचित किया कि पुलिस और दिल्ली वक्फ बोर्ड ने मरकज को फिर से खोलने सहित अन्य मुद्दे पर गौर करने के लिए पहले ही मरकज का संयुक्त निरीक्षण किया है। अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए चार मार्च की तारीख तय की।

वक्फ बोर्ड ने अपनी याचिका में कहा कि मामले में सुनवाई की अगली तारीख 21 अप्रैल थी जबकि शब-ए-बारात का त्योहार नजदीक आ रहा है और यह मार्च के मध्य में है वहीं रमजान का पवित्र महीना भी दो अप्रैल से शुरू हो रहा है जो चांद देखे जाने पर निर्भर होगा।

वक्फ बोर्ड की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय घोष ने दलीलें दी। वकील वकीह शफीक के जरिए दायर वक्फ बोर्ड की याचिका में कहा गया है कि पिछले साल इन दो मौकों पर उच्च न्यायालय ने नमाज की अनुमति दी थी।

याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 का मौजूदा स्वरूप ओमीक्रोन वायरस के डेल्टा स्वरूप जितना गंभीर और घातक नहीं है। इसमें कहा गया है कि जैसे-जैसे स्थितियों में सुधार हुआ है, सभी अदालतों में भौतिक सुनवाई फिर से शुरू हो गई है, स्कूल, क्लब, बार और बाजार भी फिर से खुल गए हैं। इसलिए इस वक्फ संपत्ति को फिर से खोलने का निर्देश देने में कोई बाधा नहीं है।

केंद्र सरकार के वकील रजत नायर ने कहा कि जहां तक ​​मरकज खोलने का सवाल है, यह दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के आदेश के अनुरूप किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेंगे।

उच्च न्यायालय ने पिछले साल 16 नवंबर को पुलिस व वक्फ बोर्ड द्वारा मरकज के संयुक्त निरीक्षण का निर्देश दिया था।

भाषा अविनाश नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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