नयी दिल्ली, 22 फरवरी (भाषा) यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने मंगलवार को एक बार फिर भारतीय छात्रों से उस देश को अस्थायी तौर पर छोड़ने को कहा है। भारतीय दूतावास का यह सुझाव ऐसे समय में आया है जब रूस द्वारा पूर्वी यूक्रेन के दो अशांत क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता प्रदान करने के बाद तनाव बढ़ गया है ।
यूक्रेन में मेडिकल पढ़ाई कराने वाले विश्वविद्यालयों द्वारा आनलाइन पढ़ाई के संबंध में भारतीय छात्रों के सवालों पर दूतावास ने कहा कि वह इस मामले में संबंधित प्राधिकार के सम्पर्क में है।
भारतीय दूतावास के अनुसार, ‘‘ दूतावास को मेडिकल पढ़ाई कराने वाले विश्वविद्यालयों द्वारा आनलाइन पढ़ाई कराने के संबंध में काफी कॉल प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में, जैसा कि पूर्व में सूचित किया गया है, हम भारतीय छात्रों की शिक्षा प्रक्रिया को व्यवस्थित बनाने के लिये संबंधित प्राधिकार के सम्पर्क में हैं।’’
मिशन ने अपने ताजा परामर्श में कहा, ‘‘ छात्रों को सलाह दी जाती है कि अपनी सुरक्षा के हित वे विश्वविद्यालय की आधिकारिक बात का इंतजार करने की बजाए अस्थायी तौर यूक्रेन छोड़ दें।’’
रविवार को भारतीय दूतावास ने परामर्श जारी कर भारतीय नागरिकों से कहा था कि यदि उनका प्रवास जरूरी नहीं है तो वे अस्थायी रूप से देश छोड़ दें। साथ ही भारत ने यूक्रेन में दूतावास कर्मियों के परिवार के सदस्यों से वापस घर लौटने को कहा था।
गौरतलब है कि रूस ने रविवार को यूक्रेन की उत्तरी सीमाओं के पास सैन्य अभ्यास बढ़ा दिया था। यूक्रेन की सीमाओं पर 1,30,000 सैनिकों, युद्धक विमानों और अन्य साजो-सामान की तैनाती कर रखी है। कीव की आबादी करीब 30 लाख है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है।
वहीं, यूरोपीय संघ ने यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों को मान्यता देने के रूस के कदम को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार देते हुए कहा कि वह इसमें शामिल लोगों पर प्रतिबंध लगाएगा। इसने यूक्रेन की स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपना समर्थन दोहराया।
भाषा दीपक
दीपक शाहिद
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