मुंबई, 18 फरवरी (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि नियमन समीक्षा प्राधिकरण ने व्यर्थ हो चुके करीब 100 परिपत्रों को वापस लेने के साथ ही कुछ पेपर आधारित रिटर्न को खत्म करने का भी सुझाव दिया है।
आरबीआई ने नियमन के दायरे में शामिल इकाइयों पर अनुपालन बोझ कम करने के उद्देश्य से दूसरे नियमन समीक्षा प्राधिकरण (आरआरए 2.0) का गठन किया हुआ है। इसी प्राधिकरण ने रिजर्व बैंक को कुछ सुझाव दिए हैं।
आरबीआई ने एक बयान में कहा, ‘आरआरए ने अपनी सिफारिशों की दूसरी कड़ी में करीब 100 अन्य परिपत्रों को वापस लेने का सुझाव दिया है।’
इस बीच केंद्रीय बैंक ने कई परिपत्रों को वापस लेने और रिटर्न को स्थगित करने एवं ऑनलाइन प्रस्तुति से जुड़ी कई अधिसचूनाएं भी जारी कीं।
प्राधिकरण ने गत नवंबर में सौंपी गई अपनी पहली सिफारिश में करीब 150 परिपत्रों को वापस लेने की अनुशंसा रिजर्व बैंक से की थी।
इसके साथ ही अपने एक आंतरिक समूह की सिफारिशों के आधार पर प्राधिकरण ने पेपर-आधारित रिटर्न जमा करने की व्यवस्था खत्म करने का सुझाव दिया है। इसके अलावा करीब 65 नियामकीय रिटर्न को दूसरे रिटर्न के साथ समाहित करने या बंद करने की भी बात कही है या फिर उन्हें ऑनलाइन रिटर्न में बदलने का सुझाव दिया है।
आरबीआई ने कहा, ‘इन सुझावों से इकाइयों के लिए नियामकीय अनुपालन के सहज होने की उम्मीद है। इसके साथ ही सटीकता, गति एवं जानकारी उपलब्ध कराने की गुणवत्ता भी सुधरने की संभावना है।’
भाषा प्रेम रमण
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