देहरादून: उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों के खुले आम ‘भितरघात’ के आरोप लगने से राज्य की सत्ताधारी पार्टी में खलबली मची हुई है.
प्रदेश में सभी 70 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को मतदान के बाद पिछले चार दिनों में कम से कम तीन विधायकों और एक प्रत्याशी ने अपनी पार्टी के नेताओं पर उन्हें हराने की साजिश करने का आरोप लगाते हुए दोबारा सरकार बनाने का दावा कर रही भाजपा को असहज स्थिति में डाल दिया है.
इन आरोपों की शुरूआत हरिद्वार जिले के लक्सर से तीसरी बार विधानसभा में पहुंचने का प्रयास कर रहे विधायक संजय गुप्ता ने की. गुप्ता ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर ही उन्हें चुनाव हराने की साजिश करने का आरोप लगा दिया.
इस संबंध में वायरल एक वीडियो में गुप्ता ने खुद को भाजपा का वफादार सिपाही बताते हुए कहा कि कौशिक के नामित सभासदों और नजदीकी कार्यकर्ताओं ने इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी मोहम्मद शहजाद के पक्ष में काम किया और उन्हें हराने की साजिश की.
कौशिक को ‘गद्दार’ बताते हुए विधायक ने पार्टी नेतृत्व से उन्हें पार्टी से बाहर करने का आग्रह भी किया. गुप्ता ने कहा, ‘ मैं अपने नेतृत्व से…..निवेदन करना चाहता हूं कि ऐसे प्रदेश अध्यक्ष को ऐसी राष्ट्रवादी पार्टी में रहने का कोई अधिकार नहीं है. वह गद्दार आदमी है और उसे तत्काल पार्टी से निकाल दिया जाना चाहिए तभी हमारे जैसे कार्यकर्ता इस पार्टी में सुरक्षित रह सकेंगे.’
उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर से भाजपा प्रत्याशी त्रिलोक सिंह चीमा के विधायक पिता हरभरजन सिंह चीमा ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं पर ‘भितरघात’ का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. लगभग मिलते-जुलते आरोप चंपावत से पार्टी विधायक कैलाश चंद्र गहतोडी और देहरादून जिले की कैंट सीट से भाजपा प्रत्याशी सविता कपूर ने भी अपने पार्टी कार्यकर्ताओं पर लगाए हैं.
‘अबकी बार-60 पार’ के नारे को लेकर विधानसभा चुनाव में उतरी भाजपा के सूत्रों ने बताया कि सभी पार्टी नेताओं को इस संबंध में सख्त हिदायत जारी कर दी गयी है और कहा गया है कि अपनी शिकायतें लेकर सार्वजनिक मंचों पर न जाएं और उन्हें पार्टी फोरम पर ही रखें.
हांलांकि, इस बारे में संपर्क किए जाने पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डा. देवेंद्र भसीन ने ‘पीटीआइ-भाषा’ को बताया कि पार्टी ने सभी बातों का संज्ञान लिया है और मामले से पार्टी हाईकमान को अवगत करा दिया गया है.
मतदान के बाद से भाजपा की परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. बृहस्पतिवार को कौशिक के भाजपा की संभावित हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की लालसा के चलते प्रदेश में पार्टी के डूबने संबंधी वायरल ‘फर्जी’ ट्वीट से हडकंप मच गया था.
प्रदेश भाजपा के सोशल मीडिया प्रमुख शेखर वर्मा इस मामले में दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज करा चुके हैं.
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