रांची, 16 फरवरी (भाषा) चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार से 139 करोड़, 35 लाख रुपये गबन करने के मामले में विशेष सीबीआई अदालत द्वारा दोषी करार दिये जाने के बाद जेल भेजे गये राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को न्यायिक हिरासत में पहली रात रिम्स के पेइंग वार्ड में ठीक से नींद नहीं आयी और वह पूरी रात करवटें बदलते रहे।
रांची के राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लालू प्रसाद यादव बिरसा मुंडा जेल से यहां स्थानांतरित होने के बाद भी आराम से नहीं सो सके और उनकी पूरी रात करवटें बदलते बीत गयीं।
उन्होंने बताया कि लालू प्रसाद यादव को पहली रात ठीक से नींद नहीं आयी लेकिन रिम्स प्रशासन उनके स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रख रहा है और लगभग दस माह बाद रिम्स में वापस लौटे यादव के स्वास्थ्य की नये सिरे से पूरी जांच की जा रही है जिसके लिए सात सदस्यीय विशेषज्ञ चिकित्सक दल का गठन किया गया है।
इससे पूर्व मंगलवार को लालू प्रसाद यादव विशेष सीबीआई अदालत के आदेश पर पहले होतवार स्थित बिरसा मुंडा जेल भेजे गए तथा वहां से स्वास्थ्य आधार पर शाम को उन्हें रिम्स लाकर पेइंग वार्ड में भर्ती कराया गया था।
चारा घोटाले के रांची के पांचवें और अंतिम मामले में मंगलवार को दोषी करार दिये गये लालू प्रसाद यादव को देर शाम रिम्स के पेइंग वार्ड में कमरा संख्या ए-11 में भर्ती कराया गया जहां उनके पहुंचने से पहले ही सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर दी गयी थी।
पेइंग वार्ड के प्रथम तल के कमरा संख्या ए-11 को रिम्स प्रशासन ने पहले से ही तैयार रखा था ताकि यदि अदालत लालू यादव को रिम्स में भर्ती करने का निर्देश देता है तो उन्हें यहां भर्ती किया जा सके। पहले भी, दुमका कोषागार से गबन के मामले में जब लालू जेल की सजा काट रहे थे तो उस समय भी उन्हें रिम्स निदेशक के बंगले के बाद इसी कमरे में भर्ती किया गया था।
इससे पूर्व कल डोरंडा कोषागार मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद लालू यादव को सीधे होतवार जेल ले जाया गया जहां कानूनी प्रक्रिया के तहत जांच के बाद उनके स्वास्थ्य को देखते हुए जेल प्रशासन के चिकित्सकों की सलाह पर उन्हें सीधे रिम्स के पेइंग वार्ड लाकर भर्ती कराया गया।
रिम्स में भर्ती लालू प्रसाद के विशेष इलाज के लिए सात चिकित्सकों की एक टीम गठित की गयी है जिसका नेतृत्व डॉ विद्यापति करेंगे।
डॉ. विद्यापति के नेतृत्व में सात चिकित्सकों की जो टीम बनाई गई है उसमें डॉ सीबी शर्मा, डॉ डीके झा, डॉक्टर पीके भट्टाचार्य, कार्डियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉक्टर प्रकाश, यूरोलॉजी के डॉक्टर अरशद जमाल और नेफ्रोलॉजी की विभागाध्यक्ष डॉक्टर प्रज्ञा घोष पंत शामिल हैं।
यह टीम लालू यादव के स्वास्थ्य के संबन्ध में मेडिकल बुलेटिन भी जारी करेगी।
लालू प्रसाद की ओर से सीबीआई अदालत में स्वास्थ्य के आधार पर रिम्स भेजने की अपील की गई थी जिसपर अदालत ने कोई फैसला न देते हुए यह मसला जेल के अधिकारियों के विवेक पर छोड़ दिया था।
सुबह डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले आरसी 47ए/96 में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव समेत 41 आरोपियों को सीबीआई की विशेष अदालत ने मंगलवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत दोषी करार देते हुए जेल भेजने का निर्देश दिया था तथा इनकी सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए अब 21 फरवरी की तिथि निर्धारित की है।
अदालत ने 34 अन्य आरोपियों को तीन वर्ष तक की कैद एवं विभिन्न राशियों की जुर्माने की सजा सुनायी जिसके चलते विशेष अदालत से ही कल उन्हें जमानत मिल गयी, इसके अलावा अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में इस मामले में 24 लोगों को दोषमुक्त भी कर दिया था।
केन्द्रीय जांच ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश एसके शशि ने डोरंडा कोषागार से गबन के मामले में मंगलवार को छह महिला आरोपियों समेत 24 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया जबकि अदालत ने मुख्य आरोपी लालू प्रसाद यादव समेत 41 आरोपियों को मामले में दोषी करार देते हुए तीन वर्ष से अधिक की सजा देने का फैसला सुनाते हुए उन सभी को जेल भेजने का निर्देश दिया था और इन सभी की सजा के बिंदु पर 21 फरवरी को सुनवाई करने का आदेश दिया।
लालू यादव के अलावा जिन प्रमुख लोगों को जेल भेजा गया है उनमें डा. आरके राणा, तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जूलियस, पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक डा. केएम प्रसाद भी शामिल हैं।
इससे पहले रांची में चल रहे चारा घोटाले के चार मामलों में लालू प्रसाद को दोषी ठहराया जा चुका है और उन्हें विभिन्न मामलों में चौदह वर्ष तक की कैद एवं 60 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी जा चुकी है।
पहले के चार मामलों में क्रमशः उन्हें उच्च न्यायालय से जमानत मिल चुकी है और वह जमानत पर थे।
भाषा इन्दु
अमित राजकुमार
राजकुमार
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