नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि डिजिटल मुद्रा पर रिजर्व बैंक के साथ बातचीत जारी है और इस बारे में कोई फैसला विचार-विमर्श के बाद लिया जाएगा.
वित्त मंत्री ने एक फरवरी को अपने बजट भाषण में कहा था कि रिजर्व बैंक नए वित्त वर्ष में डिजिटल रुपया या केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) जारी करेगा. उन्होंने एक अप्रैल से अन्य डिजिटल संपत्तियों से हुए लाभ पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाने की भी घोषणा की थी.
रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड के निदेशकों की बैठक को संबोधित करने के बाद वित्त मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय बैंक और सरकार डिजिटल मुद्रा को लेकर एक साथ हैं.
उन्होंने बताया कि सीबीडीसी पर रिजर्व बैंक से बजट से पहले से बातचीत हो रही थी और यह अब भी जारी है.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कई अन्य मुद्दों की तरह इस मुद्दे पर भी केंद्रीय बैंक और सरकार के बीच आंतरिक रूप से बातचीत चल रही है.
उन्होंने कहा कि इस बारे में जो भी बिंदु हैं उनपर हमने सरकार के साथ चर्चा की है.
सीबीडीसी हालांकि, डिजिटल करेंसी है लेकिन इसकी तुलना अन्य निजी डिजिटल करेंसी या हाल के दशक में तेजी से पैर पसारने वाली क्रिप्टोकरेंसी से नहीं की जा सकती. निजी डिजिटी करेंसी किसी व्यक्ति के कर्ज या देनदारी का प्रतिनिधित्व नहीं करती. यह पैसा नहीं है निश्चित रूप से करेंसी तो नहीं है.
पिछले सप्ताह दास ने कहा था कि केंद्रीय बैंक जल्दबाजी में नहीं है और वह सीबीडीसी से संबंधित सभी पहलुओं की समीक्षा कर रहा है.
रिजर्व बैंक की पिछले साल दिसंबर में जारी भारत में बैंकिंग का रुझान और प्रगति रिपोर्ट में कहा गया था कि सीबीडीसी के वृहद आर्थिक नीति निर्माण पर प्रभाव को देखते हुए शुरुआत में मूल मॉडल अपनाने की जरूरत है. रिपोर्ट में कहा गया था कि इसके व्यापक परीक्षण की जरूरत है ताकि मौद्रिक नीति और बैंकिंग प्रणाली पर इसका प्रभाव न्यूनतम रहे.
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