नयी दिल्ली,12 फरवरी (भाषा) स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने देश भर में फैले मादक पदार्थ के नेटवर्क का भंडाफोड करते हुए 22 लोगों को गिरफ्तार किया है। डार्कनेट ,अज्ञात क्रिप्टोकरेंसी के लेन देन और फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए ये कारोबार किया जा रहा था।
‘डार्कनेट’ इंटरनेट का वह छिपा हुआ हिस्सा है जहां विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए ही पहुंचा जा सकता है। गिरफ्तार किए गए लोगों में सॉफ्टवेयर इंजीनियर, वित्त विश्लेषक, एमबीए स्नातक और एनसीबी का एक कर्मचारी शामिल है।
एनसीबी ने मादक पदार्थ के तीन प्रमुख बाजार-डीएनएम इंडिया, डीआरईडी और ‘द ओरिएंट एक्सप्रेस’ का भंडाफोड किया है। ये बाजार डॉर्कनेट के जरिए चलाए जा रहे थे और दिल्ली-एनसीआर, गुजरात,महाराष्ट्र,कर्नाटक,असम,पंजाब,झारखंड,पश्चिम बगांल और राजस्थान में चार माह चले अभियान के बाद इनका पता चला।
इस संबंध में चार मामले दर्ज किए गए हैं और देश भर में चले अभियान में 17 स्थानों पर छापे मारे गए।
उत्तरी क्षेत्र के लिए एनसीबी के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने यहां संवाददाताओं को बताया कि ये मादक पदार्थ कुरियर सेवा और भारतीय डाक विभाग नेटवर्क के जरिए अमेरिका, ब्रिटेन,निदरलैंड और पोलैंड आदि देशों से मंगाए जा रहे थे।
उन्होंने कहा,‘‘ कोलकाता में हमने मादक पदार्थ का एक पार्सल पकड़ा था और उसके बाद चले लंबे अभियान के बाद इस नेटर्वक का खुलासा हुआ। डार्कनेट के इस्तेमाल को रोकने के लिए साइबर निगरानी करने वाले हमारे विशेष जांच दल ने देश में चल रहे तीन बड़े बाजारों का पता लगाया है। डार्कनेट ,अज्ञात क्रिप्टोकरेंसी के लेन देन और फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए ये कारोबार किया जा रहा था।
सिंह ने दावा किया कि कोविड-19 महामारी के बाद से मादक पदार्थों की खरीद फरोख्त के लिए कुरियर पार्सल का इस्तेमाल बढ़ गया हैं।
सिंह ने बताया कि चार महिलाओं सहित 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और वे न्यायिक हिरासत में हैं। एक व्यक्ति को परीक्षा में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत दी गई है।
उन्होंने बताया कि आरोपियों की उम्र 20-35 साल के बीच है। इनमें इंजीनियर, सॉफ्टवेयर विशेषज्ञ, चिकित्सक , वित्तीय सलाहकार, कारोबारी , एक एमबीए, एक संगीतकार और कुछ स्कूल छोड़ चुके कुछ छात्र शामिल हैं। कुछ लोग 13-14 की उम्र से इन अवैध गतिविधियों में शामिल है।
भाषा
शोभना माधव
माधव
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