मेलबर्न, 12 फरवरी (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलियाई सीमा को खोलने की ‘‘बहुत सराहना’’ करता है जिससे लौटने का इंतजार कर रहे खासतौर से छात्रों, अस्थायी वीजा धारकों और अलग रह रहे परिवारों को मदद मिलेगी।
ऑस्ट्रेलिया टीके की खुराक ले चुके सभी पर्यटकों और कारोबारी यात्रियों के लिए अपनी सीमाएं 21 फरवरी से खोलेगा। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने महामारी संबंधी पाबंदियों में सात फरवरी को ढील देने की घोषणा की थी।
ऑस्ट्रेलिया ने अपने नागरिकों और स्थानीय निवासियों पर मार्च 2020 को दुनिया की सबसे सख्त यात्रा पाबंदियां लगायी थीं।
जयशंकर ने ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं ऑस्ट्रेलिया सरकार के अपनी सीमाओं को खोलने के कदम का स्वागत करता हूं, जिससे भारत में इंतजार कर रहे लोगों, खासतौर से छात्रों, अस्थायी वीजा धारकों, अलग रह रहे परिवारों को मदद मिलेगी। इस फैसले की बहुत सराहना की जा रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कल कुछ छात्र प्रतिनिधियों से मुलाकात करने का अवसर मिला। इस फैसले के बारे में जानकर उनमें काफी उत्साह आ गया है।’’
पायने ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच गहरे व्यापारिक और निवेश संबंध भी हैं। उन्होंने नयी दिल्ली में शुक्रवार को दोनों देशों के बीच समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया के वाणिज्य मंत्री डान टेहान ने नयी दिल्ली में शुक्रवार को अपने समकक्ष के साथ पर्यटन पर समझौता ज्ञापन किया। समझौते ज्ञापन के तहत ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों देशों के बाजारों के बीच यात्रा को बढ़ावा देने और पर्यटन नीति डेटा साझा करने का प्रशिक्षण और उद्योग भागीदारी पर सहयोग बढ़ाने पर भी एक साथ मिलकर काम करेंगे।’’
ऑस्ट्रेलिया ने अक्टूबर में अंतरराष्ट्रीय यात्रा फिर से शुरू करने और सीमा पाबंदियों में ढील देने की घोषणा की थी। उसने देश में यात्रा के लिए भारत निर्मित कोविशील्ड टीके को मंजूरी दे दी है।
जयशंकर ने शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया के आव्रजन मंत्री एलेक्स हॉके से भी मुलाकात की और प्रतिभा, गतिशीलता और वैश्वीकरण जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
ऑस्ट्रेलिया में चीन के बाद भारत के छात्रों की सबसे अधिक संख्या है।
भाषा
गोला शाहिद
शाहिद
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