नयी दिल्ली, 11 फरवरी (भाषा) विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन से दिसंबर 2021 में देश के औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर लगातार चौथे महीने गिरकर सिर्फ 0.4 प्रतिशत ही रही।
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) ने शुक्रवार को दिसंबर के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) आंकड़े जारी करते हुए कहा कि इस महीने में औद्योगिक उत्पादन 0.4 प्रतिशत की दर से बढ़ा। हालांकि दिसंबर 2021 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 0.1 प्रतिशत गिर गया।
आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने खनन क्षेत्र का उत्पादन 2.6 प्रतिशत बढ़ गया जबकि बिजली उत्पादन में 2.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
इसके उलट, निवेश का पैमाना माने जाने वाले पूंजीगत उत्पादों का उत्पादन 4.6 प्रतिशत गिर गया। एक साल पहले की समान अवधि में यह 2.2 प्रतिशत बढ़ा था।
चालू वित्त वर्ष में अगस्त के बाद से लगातार औद्योगिक उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है। अगस्त 2021 में दहाई अंक में रही औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर सितंबर में 4.4 प्रतिशत पर खिसकी और अक्टूबर में यह चार प्रतिशत पर आ गई।
नवंबर 2021 में आईआईपी वृद्धि 1.3 प्रतिशत रहने का संशोधित अनुमान पिछले महीने जारी किया गया था। अब दिसंबर 2021 में औद्योगिक उत्पादन और भी गिरकर 0.4 प्रतिशत रह गया।
एक साल पहले दिसंबर 2020 में आईआईपी की वृद्धि दर 2.2 प्रतिशत रही थी।
एनएसओ के आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल-दिसंबर 2021 की अवधि में आईआईपी 15.2 प्रतिशत बढ़ा जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 13.3 प्रतिशत घटा था।
औद्योगिक उत्पादन पर कोविड-19 महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगायी पाबंदियों के कारण प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था। मार्च 2020 में औद्योगिक उत्पादन 18.7 प्रतिशत गिरा था और अप्रैल 2020 में तो यह 57.3 प्रतिशत तक लुढ़क गया था।
आर्थिक गतिविधियां बहाल होने के बाद इसमें धीरे-धीरे सुधार आने लगा था। लेकिन अप्रैल 2021 में महामारी की दूसरी लहर ने औद्योगिक गतिविधियों को फिर से प्रभावित किया।
एनएसओ ने अपने बयान में कहा, ‘मार्च 2020 से ही कोविड-19 महामारी की वजह से पैदा हुई असामान्य परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए पिछले साल की समान अवधि की तुलना में औद्योगिक उत्पादन दर की व्याख्या की जानी चाहिए।’
भाषा
प्रेम रमण
रमण
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