(के. जे. एम वर्मा)
बीजिंग, 11 फरवरी (भाषा) चीन ने शुक्रवार को कहा कि उसे आगे बढ़ने से रोकने के लिए क्वाड गठबंधन एक ‘‘उपकरण’’ की तरह है और यह टकराव को तेज करने के लिए ‘‘जानबूझकर उठाया गया कदम’’ है जो सफल नहीं होगा।
क्वाड में भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान शामिल हैं।
चीन का सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कई देशों के साथ क्षेत्रीय विवाद है और वह क्वाड गठबंधन का इसके गठन के समय से ही विरोध करता रहा है।
क्वाड विदेश मंत्रियों के ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में वार्ता शुरू करने संबंधी एक सवाल का जवाब देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘चीन का मानना है कि क्वाड तंत्र केवल उसे नियंत्रित करने का एक उपकरण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह टकराव को भड़काने और अंतरराष्ट्रीय एकजुटता और सहयोग को कमजोर करने के लिए जानबूझकर उठाया गया कदम है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि शीत युद्ध लंबा खींच गया है और चीन को रोकने के उद्देश्य से गठबंधन बनाने का कोई भी प्रयास सफल नहीं होगा।’’
क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के पहले, झाओ ने बुधवार को कहा था कि चीन विशेष गुट बनाने और टकराव को उकसाने संबंधी किसी भी कदम को खारिज करता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि अमेरिका और अन्य संबंधित देश समय के रुख को समझेंगे, उचित मानसिकता रखेंगे और शीत युद्ध की मानसिकता को त्याग देंगे।’’
यूक्रेन को लेकर रूस और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) देशों के बीच बढ़ते तनाव, अफगानिस्तान संकट और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे को लेकर चिंताओं के बीच क्वाड समूह के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को मेलबर्न में व्यापक बातचीत की।
चीन लगभग सभी विवादित दक्षिण चीन सागर क्षेत्र पर अपना दावा करता है। हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, जापानी विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने ने मेलबर्न में वार्ता से पहले ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से संयुक्त रूप से मुलाकात की।
भाषा
देवेंद्र मनीषा
मनीषा
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