नयी दिल्ली, नौ फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय के पांच जनवरी के आदेश के विरुद्ध अमेरिकी ई-वाणिज्य कंपनी अमेजन की याचिका पर बुधवार को फ्यूचर समूह को नोटिस जारी किया।
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में रिलायंस के साथ फ्यूचर समूह के 24,500 करोड़ रुपये के विलय समझौते पर एक मध्यस्थता अधिकरण की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने अमेजन की याचिका पर फ्यूचर समूह की फर्मों- फ्यूचर कूपन्स प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) और फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) को नोटिस जारी किये और कहा कि न्यायालय 23 फरवरी को “बिना किसी स्थगन के” याचिका पर सुनवाई करेगा।
उच्च न्यायलय ने पांच जनवरी को अमेजन-फ्यूचर मध्यस्थता प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी जो कि तीन सदस्यीय मध्यस्थता अधिकरण के सामने चल रही थी।
संक्षिप्त सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने मंगलवार को इस मामले में की गयी टिप्पणियों के बारे में मीडिया की खबरों पर अप्रसन्नता व्यक्त की। प्रधान न्यायाधीश ने मंगलवार को अमेजन का वह अनुरोध ठुकरा दिया था जिसमें अमेरिकी कंपनी ने एफआरएल द्वारा दायर एक अन्य मामले में लिखित दलीलें दाखिल करने की अनुमति मांगी थी।
एफआरएल ने एक अन्य मामले में विलय को मंजूरी देने की अनुमति के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएलएटी) के निर्णय का पालन करने के वास्ते याचिका दायर की थी।
बुधवार को अमेजन की ताजा याचिका पर नोटिस जारी करते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “अखबारों ने हमारे टिप्पणी को अनावश्यक रूप से उभार कर पेश किया है। दूसरा पक्ष (फ्यूचर) भी नहीं चाहता कि मामला चलता रहे।”
पीठ ने अमेजन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम द्वारा दलील पेश करने से पहले ही नोटिस जारी कर दिया। फ्यूचर समूह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि इस मामले 23 फरवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।
रोहतगी ने कहा कि एनसीएलएटी, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के आदेश के विरुद्ध अगले सप्ताह अमेजन की याचिका पर सुनवाई करेगा। आयोग ने फ्यूचर समूह के साथ अमेजन के विलय को दी गई मंजूरी वापस ले ली थी।
भाषा यश अनूप
अनूप
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.