( मोना पार्थसारथी )
नयी दिल्ली, सात फरवरी ( भाषा ) एक शहंशाह ए ग़ज़ल तो एक स्वर कोकिला । दोनों एक दूसरे के मुरीद लेकिन साथ गाने की हसरत पूरी नहीं हो पा रही थी । फिर एक ने अपना गाना अमेरिका में रिकॉर्ड किया तो एक ने मुंबई में और कुछ यूं बना मेहदी हसन और लता मंगेशकर का एकमात्र युगल गीत ।
मेहदी हसन के बेटे कामरान मेहदी हसन ने लता मंगेशकर के निधन के बाद शिकागो से भाषा से बातचीत में पुरानी यादें ताजा करते हुए कहा ,‘‘ मेरे वालिद (मेहदी हसन) लताजी के बहुत बड़े मुरीद थे और वह भी उनकी काफ़ी इज्जत करती थीं । मुझे याद है कि 2007 में अपने इलाज के लिये जब वह भारत गए थे तो लताजी ने उन्हें अपने घर पर खाने पर बुलाया था ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘यह उनकी आखिरी मुलाकात थी । करीब छह घंटे हम उनके घर पर रहे और लंबी बातचीत हुई । लताजी ने अपना निजी कैमरा मंगवाकर साथ में तस्वीरें खिंचवाईं ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ उनका निधन संगीत की दुनिया के लिये ऐसी क्षति है जिसकी कभी भरपाई नहीं होगी । फिर कोई लता मंगेशकर नहीं होंगी और कोई मेहदी हसन नहीं होंगे । ये महान फनकार भले ही चले गए लेकिन अपनी मौसिकी से अमर हो गए ।’’
देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर का 92 वर्ष की उम्र में रविवार को निधन हो गया जबकि मेहदी हसन ने फेफड़ों की बीमारी से 12 साल तक जूझने के बाद कराची में 13 जून 2012 को आखिरी सांस ली थी ।
एक दूसरे के प्रशंसक होने के बावजूद दोनों कभी साथ गाने की अपनी हसरत पूरी नहीं कर सके लेकिन 2011 में आए एलबम ‘‘सरहदें : म्यूजिक बियोंड बाउंड्रीज’ में उनका एकमात्र युगल गीत ‘तेरा मिलना बहुत अच्छा लगे है ’’ आया ।
कामरान ने बताया ,‘‘ दोनों एक दूसरे के साथ गाना चाहते थे । हमने 2004 – 05 में मेहदी हसन साहब की आवाज में ट्रैक लता जी को भेजा जिसकी रिकॉर्डिंग लॉस एंजिलिस में मेरे स्टूडियो में की गई थी । उन्होंने अपने हिस्से की रिकॉर्डिंग मुंबई में की। बाद में दोनों की रिकॉर्डिंग के साथ म्यूजिक फिर से मुंबई में अरेंज किया गया और यह गीत बना ।’’
लता ने उस समय भाषा को दिये इंटरव्यू में कहा था ,‘‘ मेहदी साहब ने लंबी बीमारी के कारण गाना छोड़ दिया था । वह मेरे साथ गाना चाहते थे और उन्होंने मुझे दो तीन रिकॉर्ड किये हुए गीत भेजे जिनमें से तेरा मिलना एक था । हमने अलग अलग रिकॉर्डिंग करके दोनों को कंपाइल कराया और ऐसे हमारी साथ गाने की ख्वाहिश पूरी हुई। मुझे इसकी बहुत खुशी है ।’’
यह अपवाद था जब लता ने यूं अलग रिकॉर्डिंग की वरना वह हमेशा साथी गायक और संगीतकार के साथ रिकॉर्डिंग करना पसंद करती थीं ।
उन्होंने कहा था ,‘‘ मुझे साथी गायकों और संगीतकारों के साथ अभ्यास करके रिकॉर्ड करना पसंद है । आजकल गायक अपना अपना हिस्सा अलग गाते हैं जो मुझे अच्छा नहीं लगता ।’’
लता और मेहदी हसन साहब के बीच पहली मुलाकात कनाडा के टोरंटो में 1975 में हुई थी लेकिन उसके बाद जब भी वह भारत आये, लता से मिले बिना नहीं गए ।
कामरान ने बताया ,‘‘ 1975 में मेहदी हसन साहब का कनाडा और अमेरिका का दौरा था । लताजी कनाडा में कार्यक्रम से पहले ग्रीनरूम में उनसे मिलने आईं तो सम्मान के तौर पर कमरे के बाहर चप्पल उतारकर आईं । उसके बाद 1989 में मुंबई के दौरे पर फिर उनसे मुलाकात हुई और 2007 में आखिरी बार मिले ।’’
उन्होंने बताया कि हसन साहब को कलाकारों में तुलना पसंद नहीं थी लेकिन एक बार किसी ने पूछा कि नूरजहां और लता में से वह किसे बेहतर गायिका मानते हैं तो उन्होंने कहा था ,‘‘ नूरजहां की गायिकी में पुख्तगी है तो लता की गायिकी में पाकीज़गी का अहसास है ।’’
भाषा
मोना मनीषा
मनीषा
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