नयी दिल्ली, सात फरवरी (भाषा) केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने केंद्र सरकार के सभी विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को जून 2020 तक ऐसे अधिकारियों का तबादला करने का निर्देश दिया है, जो उनकी निगरानी इकाइयों में न्यूनतम कार्यकाल पूरा कर चुके हैं।
भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने अपने एक आदेश में कहा कि किसी संगठन की सतर्कता इकाई में एक अधिकारी की प्रारंभिक तैनाती सिर्फ तीन साल की अवधि के लिए होनी चाहिए।
आदेश के मुताबिक, जरूरी समझे जाने पर सतर्कता अधिकारी का कार्यकाल न्यूनतम तीन महीने और अधिकतम दो साल के लिए केवल समीक्षा के बाद बढ़ाया जा सकता है, जो उसकी दक्षता, अखंडता और हाथ में मौजूद काम को पूरा किए जाने की आवश्यकता पर आधारित होगी।
केंद्र सरकार के सभी विभागों के सचिवों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों सहित अन्य को बृहस्पतिवार को जारी आदेश में आयोग ने निर्देश दिया है कि संबंधित संगठनों द्वारा उन अधिकारियों/कर्मचारियों की पहचान करने की कवायद 31 मार्च 2022 तक पूरी की जा सकती है, जिन्होंने सतर्कता इकाई में तीन साल/पांच साल (31.03.2022 तक) का कार्यकाल पूरा कर लिया है।
आदेश में कहा गया है कि यदि किसी अधिकारी/कर्मचारी की सेवा की आवश्यकता तीन साल से अधिक समय के लिए जरूरी हो तो ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों की पहचान कर सतर्कता इकाई में उनके प्रतिधारण की प्रक्रिया (न्यूनतम तीन महीने की अवधि और अधिकतम दो वर्ष तक) 31 मार्च 2020 तक पूरी कर ली जानी चाहिए।
सीवीसी ने स्पष्ट किया है कि जो अधिकारी/कर्मचारी 31 मार्च 2022 तक तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं और उन्हें सेवा विस्तार देने के बारे में विचार नहीं किया जा रहा है, उनका तबादला 30 जून 2022 तक कर दिया जाना चाहिए।
आयोग ने कहा कि इसके अलावा, जिन अधिकारियों/कर्मचारियों ने 31 मार्च 2022 तक पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है, सतर्कता इकाई से उनके स्थानांतरण की कवायद भी 30 जून 2022 तक पूरी कर ली जानी चाहिए।
आदेश के मुताबिक, सतर्कता इकाई से किसी अधिकारी के तबादले के बाद, फिर चाहे उसने कितनी भी अवधि के लिए सेवा दी हो, जरूरत महसूस होने पर संबंधित इकाई में उसकी दोबारा तैनाती पर विचार करने के लिए उसका कम से कम दो साल की कूलिंग-ऑफ अवधि से गुजरना आवश्यक होगा।
सीवीसी ने अपने आदेश का कड़ाई से अनुपालन करने का निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सतर्कता इकाई में किसी भी अधिकारी को मुख्य सतर्कता अधिकारी की सहमति और सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के बिना तीन साल से अधिक अवधि के लिए न रखा जाए।
भाषा पारुल शाहिद
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