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Tuesday, 24 December, 2024
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पच्चीस हजार या 30 हजार : लता मंगेशकर के गीतों की वास्तविक संख्या को लेकर अनिश्चितता की स्थिति

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नयी दिल्ली, छह फरवरी (भाषा) लता मंगेशकर हमेशा भारतीय संगीत जगत की महान हस्तियों में शुमार रहेंगी और अक्सर यह दावा किया जाता है कि उनके द्वारा गाए गीतों की संख्या हजारों में है।

हालांकि, मंगेशकर द्वारा गाए गीतों की असल संख्या को लेकर थोड़ी अनिश्चितता की स्थिति है। मंगेशकर का 92 वर्ष की उम्र में मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया।

भारतीय सिनेमा जगत की महानतम पार्श्व गायिकाओं में से एक माने जाने वाली मंगेशकर ने अपने करियर की शुरुआत 1942 में 13 साल की उम्र से की थी।

अपने लगभग आठ दशक लंबे करियर में उन्होंने ‘‘अजीब दास्तां है ये’’, ‘‘जब प्यार किया तो डरना क्या’’, ‘‘नीला आसमां सो गया’’ और ‘‘रहे न रहे हम’’ समेत कई यादगार गीतों को आवाज दी।

मंगेशकर का नाम 1974 में गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया। दिग्गज गायिका का नाम इतिहास में सबसे ज्यादा बार गीत रिकॉर्ड करने वाले कलाकार के तौर पर दर्ज किया गया।

संगठन ने कहा था कि मंगेशकर ने 1948 से 1974 तक बीस भारतीय भाषाओं में ‘‘25,000 एकल, युगल और सामूहिक गीत रिकॉर्ड किए।’’

उस समय एक अन्य महान गायक मोहम्मद रफी ने इस दावे पर आपत्ति जतायी थी और कहा था कि उन्होंने मंगेशकर से ज्यादा गीत रिकॉर्ड किए हैं।

गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने 1991 में एक बार फिर मंगेशकर को दुनिया में सबसे ज्यादा बार गीत रिकॉर्ड करने वाले कलाकार के तौर पर दर्ज किया और कहा कि उन्होंने 1948 से 1987 तक बीस भारतीय भाषाओं में ‘‘30,000 एकल, युगल और सामूहिक गीत रिकॉर्ड किए।’’

हालांकि, गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने बिना कोई स्पष्टीकरण दिए 1991 में इसे हटा लिया था।

अभी मंगेशकर की बहन आशा भोंसले के नाम पर सबसे ज्यादा एकल गीत रिकॉर्ड करने का खिताब दर्ज है।

मंगेशकर द्वारा गाए गीतों की असल संख्या चर्चा का विषय है, लेकिन दिग्गज गायिका ने इन आंकड़ों की कभी परवाह नहीं की।

कई गीत ऐसे भी रहे जो कभी रिलीज नहीं हुए और मंगेशकर ने 2021 में ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि उनके पास उनके रिलीज न होने वाले गीतों का कोई रिकॉर्ड नहीं है।

मंगेशकर ने कहा था, ‘‘हाल में मैंने अपना एक गीत सुना जो रिलीज नहीं हुआ। क्या होता है कि कई बार एक फिल्म में बहुत सारे गीत होते हैं और इससे फिल्म का प्रवाह बाधित होता है, इसलिए वे गीत हटा देते हैं और इसे दूसरी फिल्म में डालने की कोशिश करते हैं। लेकिन यह फिट नहीं होता तो यह ठंडे बस्ते में पड़ा रहता है और लोग समय के साथ इसके बारे में भूल जाते हैं। लेकिन मेरे लिए उनकी गिनती करना संभव नहीं है, यह किसी और को करना चाहिए।’’

ऐसा ही एक गीत ‘‘ठीक नहीं लगता’’ 20 साल बाद विशाल भारद्वाज ने 2021 में मंगेशकर के 92वें जन्मदिन पर रिलीज किया था।

भाषा गोला दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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