पणजी, छह फरवरी (भाषा) कांग्रेस ने आगामी गोवा विधानसभा चुनावों के लिए रविवार को अपना घोषणापत्र जारी किया। इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने वादा किया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो तटीय राज्य में खनन गतिविधियां फिर से शुरू होंगी।
वह 14 फरवरी को होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस द्वारा जारी घोषणापत्र के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बात कर रहे थे।
गोवा में राजस्व का मुख्य स्रोत मानी जाने वालीं खनन गतिविधियों पर उच्चतम न्यायालय ने 2018 में रोक लगा दी थी।
गोवा विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ चुनाव पर्यवेक्षक चिदंबरम ने कहा कि राज्य के लिए समस्या संसाधन खोजने की नहीं है, बल्कि संसाधनों के आवंटन की है।
उन्होंने कहा कि, ”राज्य के बजट के लिए तीन रास्ते हैं – सरकार के अपने संसाधन, केंद्र सरकार के राजस्व का हिस्सा और केंद्र सरकार का अनुदान।”
चिदंबरम ने कहा कि धन का स्रोत कभी समस्या नहीं रहा है, लेकिन समस्या धन के आवंटन को लेकर है। उन्होंने कहा कि अगर बुद्धिमानी और विचारशील सोच से धन का आवंटन किया जाता है, तो घोषणापत्र में जिन मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है, उन्हें पांच साल में हासिल किया जा सकता है।
राज्य के संसाधनों को कैसे बढ़ाया जा सकता है, इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अगर गोवा आईटी और फार्मास्युटिकल केंद्र बन जाता है, तो संसाधन कई गुना बढ़ जाएंगे।
उन्होंने कहा, ”यदि कोई समस्याओं पर ध्यान देने में विफल रहता है, तो राजस्व को नुकसान होता है।”
उन्होंने आश्वासन दिया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो राज्य में खनन फिर से शुरू किया जाएगा।
कांग्रेस नेता ने कहा, ”हम उच्चतम न्यायालय के फैसले के तहत संपोषणीय कानूनी खनन शुरू कर सकते हैं। लेकिन, हमें समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है।”
एक सवाल के जवाब में चिदंबरम ने कहा कि ‘‘दलबदल की बीमारी’ गोवा में बंद होनी चाहिये और यह तभी संभव है, जब लोग उपचुनावों के दौरान दल-बदलुओं को हराएं।
गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिये 14 फरवरी को मतदान होगा।
भाषा
जोहेब दिलीप
दिलीप
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