अमरावती, छह फरवरी (भाषा) लता मंगेशकर दिसंबर 1993 में विजयवाड़ा में प्रतिष्ठित डॉ. पिन्नामनेनी और सीतादेवी फाउंडेशन का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार लेने आई थीं।
कार्यक्रम उस शाम तुमालापल्ली वारी क्षेत्राया कलाक्षेत्रम में होने वाला था। सुबह में लता मंगेशकर विजयवाड़ा की अधिष्ठात्री देवी कनक दुर्गा के मंदिर इंद्राकीलाद्री में पूजा करने गईं। मंदिर में लता मंगेशकर के साथ फाउंडेशन के प्रबंध न्यासी सी. नागेश्वर राव, उनके परिवार के कुछ सदस्य और कुछ अन्य लोग गए, जहां उनका परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया।
पूजा करने के बाद स्वर साम्राज्ञी ने देवी कनक दुर्गा की स्तुति में कुछ भजन गुनगुनाए। उनकी सुमधुर आवाज में भजन सुनकर वहां मौजूद हर व्यक्ति विस्मित रह गया। बाद में मंदिर में उन्हें देवी का पट्टू वस्त्रम और प्रसादम दिया गया।
एक अन्य महान गायक एस. पी. बालासुब्रमण्यम को उस दिन लता मंगेशकर के साथ डॉ. पिन्नामनेनी और सीता देवी फाउंडेशन पुरस्कार से नवाजा गया।
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