नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) राजस्व सचिव तरुण बजाज ने शुक्रवार को कहा कि सरकार इस महीने पिछली तारीख से प्रभावी कराधान से जुड़े लगभग सभी मामलों का निपटारा कर, एक ऐसे अध्याय को बंद कर देगी, जिसने निवेश के अनुकूल स्थान के रूप में भारत की प्रतिष्ठा प्रभावित किया।
सरकार को वर्ष 2012 में एक संशोधन के जरिए 50 साल पीछे जाकर ऐसे मामलों में पूंजीगत लाभ पर कर लगाने का अधिकार मिल गया था, जहां स्वामित्व विदेशी कंपनी के पास चला गया था, लेकिन व्यावसायिक संपत्ति भारत में थी।
इससे वोडाफोन और केयर्न एनर्जी जैसी कंपनियां प्रभावित हुईं और ऐसी मांगों ने निवेशकों के मन में अनिश्चितता ला दी।
इसके बाद सरकार ने अगस्त 2021 में आयकर अधिनियम में किए गए विवादास्पद संशोधन को रद्द कर दिया और वादा किया कि इस तरह के कानून का इस्तेमाल करके लिए गए किसी भी कर को बिना किसी ब्याज के वापस किया जाएगा, लेकिन पहले ऐसी कंपनियों को सभी लंबित कानूनी कार्यवाही को वापस लेने पर सहमति जतानी होगी।
बजाज ने कहा, ‘‘अगस्त में, हमने पिछली तारीख से कराधान को खत्म कर दिया और हम इस महीने ही लगभग सभी मामलों का निपटारा कर देंगे। इस तरह, हम उस अध्याय को हमेशा के लिए बंद कर देंगे।’’
उन्होंने यहां पीएचडी चैंबर के एक कार्यक्रम में कहा कि इस कदम से एक स्थिर कर व्यवस्था कायम कर निवेशकों के विश्वास को बहाल करने में मदद मिलेगी।
भाषा पाण्डेय रमण
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