बेंगलुरु, तीन फरवरी (भाषा) कर्नाटक की हिंदू धार्मिक अनुदान मंत्री शशिकला जॉली ने बृहस्पतिवार को कहा कि मंदिरों पर से राज्य सरकार का नियंत्रण समाप्त करने के प्रस्ताव का सरकार अब भी अध्ययन कर रही है। पुजारियों का एक प्रतिनिधिमंडल आज मंत्री से मिला और उन्हें एक ज्ञापन देकर, हिंदू मंदिरों को मुक्त करने का विचार त्यागने का आग्रह किया।
जॉली ने कहा, “हम अब भी मंदिरों को मुक्त करने के प्रस्ताव का अध्ययन कर रहे हैं, हम अन्य राज्यों की स्थिति समझने का प्रयत्न कर रहे हैं। मैंने मुख्यमंत्री से भी इस बारे में चर्चा की है।” मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि इस संबंध में पुजारी उनके साथ दो-तीन बार विमर्श कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह और मुख्यमंत्री पुजारियों के पक्ष में हैं।
मंत्री ने कहा, “उन्होंने तस्दीक (सरकार के पास जमीन के लिए मुआवजा) बढ़ाने का भी आग्रह किया है। यह सही मांग है, हमने इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया है और मैं इस पर जल्दी ही मुख्यमंत्री के साथ बातचीत करूंगा।” इससे पहले मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने दिसंबर में कहा था कि कर्नाटक सरकार हिंदू मंदिरों को वर्तमान कानून और नियमों से मुक्त कराने के लिए एक कानून लाएगी।
मंत्री के साथ बैठक करने के बाद पुजारियों ने कहा कि अगर सरकार मंदिरों को राज्य सरकार के नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए कानून लाती है तो इससे मंदिरों को और नुकसान होगा।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्य एक पुजारी ने कहा, “राजाओं ने मंदिरों को भूमि दी थी, अगर उन्हें अभी मुक्त किया जाता है तो दिक्कत होगी। लाखों करोड़ों रुपये की संपत्ति की सुरक्षा कौन करेगा? अगर वे न्यास बनाते हैं तो उसकी देखरेख कौन करेगा? इससे बहुत सी समस्याएं पैदा होंगी इसलिए हमारे विचार में यह नहीं करना चाहिए।”
हिंदू धार्मिक अनुदान (मुजराई) विभाग के तहत राज्य में कुल 34,563 मंदिर हैं और राजस्व के आधार पर उन्हें तीन श्रेणी में बांटा गया है।
भाषा यश उमा
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