नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन जे बी महापात्र ने कहा है कि प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष के अंत तक 12.50 लाख करोड़ रुपये के संशोधित लक्ष्य को पार कर सकता है। उन्होंने इसके अबतक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की उम्मीद भी जताई।
उन्होंने कहा कि करदाताओं के लिये अनुपालन प्रक्रिया आसान बनाने तथा आंकड़ों के प्रसंस्करण को लेकर कर अधिकारियों की दक्षता में सुधार जैसे कई कारणों से कंपनी कर और व्यक्तिगत आयकर मद में कर संग्रह बढ़ने की उम्मीद है।
महापात्र ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘एक फरवरी तक प्रत्यक्ष कर संग्रह 10.38 लाख करोड़ रुपये है। यह बजटीय अनुमान से केवल 70,000 करोड़ रुपये कम है। इस समय यह आंकड़ा पिछले साल के कुल संग्रह के मुकाबले बेहतर है।’’
उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष कर संग्रह अबतक 11.18 लाख करोड़ रुपये से ऊपर कभी नहीं गया है।
सीबीडीटी प्रमुख ने कहा, ‘‘इस साल हम 12 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने जा रहे हैं…हमारा लक्ष्य 12.50 लाख करोड़ (संशोधित अनुमान) रुपये का है। और हमें न केवल इस लक्ष्य को हासिल करने बल्कि संभवत: इसे पार कर जाने का भरोसा है।’’
उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के समाप्त होने में अभी दो महीने है। ऐसे में लक्ष्य दायरे में जान पड़ रहा है।
वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 12.50 लाख करोड़ रुपये में से 6.35 लाख करोड़ रुपये कंपनी कर श्रेणी में जबकि 6.15 लाख करोड़ रुपये व्यक्तिगत आयकर खंड में आने का अनुमान है।
महापात्र ने कहा कि इस बार कर विभाग बेहतर स्थिति में है। इसका कारण विभिन्न उपाय हैं, जो पिछले कुछ साल में करदाताओं और कर प्राधिकरण दोनों के लिये प्रत्यक्ष कर संग्रह प्रणाली को दुरुस्त करने को लेकर किये गये हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम लंबे समय तक ऐसी स्थिति में नहीं थे, जैसे आज हैं। इसका कारण हमने करदाताओं के लिये कर अनुपालन को आसान बनाया है। साथ ही हमें आयकर विभाग की आंकड़ा प्रसंस्करण क्षमता पर भरोसा है।’’
सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि इसके अलावा कारोबार के संगठित रूप में आने, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी), बाजार नियामक सेबी समेत विभिन्न एजेंसियों के बीच आंकड़ों को साझा करने से भी हमें मदद मिली है। इससे आंकड़े एकत्रित करने में मदद मिली। हम सभी अन्य एजेंसियों का लाभ उठा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कर अधिकारियों को विभिन्न श्रेणियों में इलेक्ट्रॉनिक आंकड़े प्राप्त हुए हैं। अत: उन्हें कर चोरी करने वालों पर व्यक्तिगत रूप से नजर रखने की जरूरत नहीं है। साथ ही करदाताओं के लिये स्वैच्छिक अनुपालन प्रक्रिया भी लायी गयी है।’’
महापात्र के अनुसार, 2018-19 में कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 11.18 लाख करोड़ रुपये, 2019-20 में 10.28 लाख करोड़ रुपये और 2020-21 में यह 9.24 लाख करोड़ रुपये था।
भाषा रमण अजय
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