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Monday, 18 November, 2024
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अन्नाद्रमुक ने स्टालिन के सामाजिक न्याय संघ बनाने के प्रस्ताव की आलोचना की

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चेन्नई, तीन फरवरी (भाषा) तमिलनाडु में विपक्षी अन्नाद्रमुक ने द्रमुक अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के ‘‘सामाजिक न्याय के लिए अखिल भारतीय संघ’’ बनाने के प्रस्ताव की आलोचना करते हुए इसे लोगों का ध्यान भटकाने की रणनीति करार दिया है।

अन्नाद्रमुक ने बृहस्पतिवार को स्टालिन सरकार से पूछा कि सामाजिक न्याय अभी किस खतरे का सामना कर रहा है। अन्नाद्रमुक ने राज्य में चुनावी मौसम के दौरान स्टालिन के इस प्रस्ताव को वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने की रणनीति करार दिया है।

अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री डी जयकुमार ने कहा कि जब से स्टालिन ने कार्यभार संभाला है, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की रणनीति अपना रही है।

अन्नाद्रमुक नेता ने संवाददाताओं से कहा कि वास्तव में, यह अन्नाद्रमुक ही थी जिसने अपने संस्थापक और दिवंगत मुख्यमंत्री एम जी रामचंद्रन के दिनों से ही सामाजिक न्याय की नीति को हमेशा कायम रखा ।

उन्होंने कहा ‘‘ द्रमुक ने सत्ता में आने पर महिलाओं को 1000 रुपये प्रति माह प्रदान करने, नीट परीक्षा समाप्त करने, तेल की कीमतें घटाने और एलपीजी सिलेंडर के लिए सब्सिडी प्रदान करने सहित, चुनाव पूर्व कई प्रकार के वादे किए थे। लेकिन, द्रमुक सरकार ने कोई भी वादा पूरा नहीं किया है।’’

डी जयकुमार ने कहा, ‘‘इन वादों को पूरा करने में अपनी अक्षमता छिपाने के लिए द्रमुक लोगों का ध्यान भटकाने की रणनीति का सहारा ले रही है। वह अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्रियों के खिलाफ सतर्कता विभाग के छापे डलवा रही है।’’

स्टालिन ने बुधवार को कांग्रेस, कट्टर प्रतिद्वंद्वी अन्नाद्रमुक, राष्ट्रीय जनता दल, वाम दलों और तृणमूल कांग्रेस सहित देश भर के 37 राजनीतिक दलों से उत्पीड़ित लोगों के हितों की रक्षा के लिए अखिल भारतीय सामाजिक न्याय महासंघ में शामिल होने की अपील की थी।

भाषा रवि कांत मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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