चेन्नई, दो फरवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी की चार सदस्यीय तथ्यान्वेषी समिति ने तमिलनाडु के तंजावुर में कथित रूप से ईसाई धर्म में धर्मांतरित किए जाने की एक कोशिश का विरोध करते हुए आत्महत्या करने वाली किशोरी को न्याय दिलाने की मांग की और इस मामले पर राज्य के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की चुप्पी पर सवाल उठाये हैं।
समिति की सभी सदस्य महिलाएं है। उन्होंने मंगलवार को पीड़ित के परिवार के सदस्यों और अधिकारियों से मुलाकात का सिलसिला खत्म किया और राज्य सरकार से निष्पक्ष रवैया अपनाते हुए 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली 17 वर्षीय छात्रा की मौत के जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने की अपील की।
तेलंगाना में भाजपा की वरिष्ठ नेता तथा समिति की सदस्य विजयशांति ने यहां पत्रकारों से कहा, ”मुझे नहीं पता कि इस मामले पर मुख्यमंत्री चुप क्यों हैं जबकि लड़की ने खुद ही कहा था कि उसे ईसाई धर्म अपनाने के लिये बाध्य किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा, ”जो बात हुई नहीं, उसे कहने की हमें जरूरत नहीं है और न ही हम राजनीति करना चाहते है। यह (जबरदस्ती) करीब डेढ़ साल से चल रहा है और पूरे देश को लड़की के आत्महत्या करने का कारण उसके वीडियो के वायरल होने के बाद पता चला।’’
विजयशांति ने छात्रा की आत्महत्या पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, ”यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पढ़ने के लिए सर्वोत्तम स्कूलों में भेजे जाने वाले बच्चों को पढा़ई के लिए प्रोत्साहित करने के बजाय धर्मांतरण के लिए मजबूर किया जाता है। यह शिक्षा के लिए अच्छा नहीं है।’
तंजावुर में एक मिशनरी स्कूल में पढ़ने वाली किशोरी ने नौ जनवरी को जहर खा लिया था और 19 जनवरी को उसकी मौत हो गई थी।
भाषा जोहेब मनीषा
मनीषा
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