नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को पंजाब पुलिस को निर्देश दिया कि वह लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरजीत सिंह बैंस को तीन फरवरी तक गिरफ्तार न करे। बलात्कार के मामले में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।
शुरू में शीर्ष अदालत विधायक को नामांकन पत्र दाखिल करने और चुनाव प्रचार के लिए 23 फरवरी तक छूट देने का मन बना रही थी, लेकिन बलात्कार पीड़िता के वकील ने इसका पुरजोर विरोध किया।
पीड़िता के वकील द्वारा विरोध किये जाने से पहले प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा, ‘‘हम याचिका के गुण-दोष पर कुछ नहीं कह रहे। उच्च न्यायालय इस मामले को देख रहा है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आदेश जारी नहीं किया गया है। हम याचिकाकर्ता को केवल 23 फरवरी तक की अनुमति देते हैं। इसके बाद वह आत्मसमर्पण करेंगे और नियमित जमानत लेंगे।’’
हालांकि पीड़िता के वकील गगन गुप्ता ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि यह कोई राजनीतिक प्रतिशोध का मामला नहीं है, बल्कि बलात्कार की घटना के बारे में बहुत पहले ही प्राथमिकी दर्ज हो चुकी थी।
उनकी इस दलील का न्यायालय ने संज्ञान लिया तथा बैंस की याचिका के साथ महिला की याचिका भी बृहस्पतिवार को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया तथा उस दिन तक विधायक की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।
भाषा सुरेश पवनेश
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