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Friday, 20 September, 2024
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वित्त मंत्री ने बजट भाषण में महाभारत का जिक्र किया, खड़गे का पलटवार

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नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने बजट भाषण में महाकाव्य महाभारत के एक श्लोक को उद्धृत करते हुए कर प्रणाली को और सरल बनाने की घोषणा की।

सीतारमण ने अगले वित्त वर्ष के लिए आम बजट संसद में पेश किया।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी वित्त मंत्री पर निशाना साधने के लिए महाभारत का जिक्र किया और कहा कि यह बजट एकलव्य के लिए नहीं था।

वित्त मंत्री ने महाभारत के शांति-पर्व के श्लोक को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘ राजा को किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं करते हुए और धर्म के अनुरूप करों का संग्रहण करने के साथ-साथ, राज धर्म के अनुसार शासन करके लोगों के योगक्षेम (कल्याण) के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं करनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अपने प्राचीन ग्रंथों से ज्ञान एवं मार्गदर्शन प्राप्त करते हुए हमने प्रगति के पथ पर चलना जारी रखा है। इस बजट के प्रस्तावों का अभिप्राय, स्थिर और जानी-पहचानी कर व्यवस्था की हमारी घोषित नीति पर कायम रहते हुए और अधिक ऐसे सुधारों को लाना है जो एक विश्वसनीय कर व्यवस्था स्थापित करने की हमारी संकल्पना को आगे बढ़ा सके। यह कर प्रणाली को और भी अधिक सरल बनाएगा, करदाताओं को स्वैच्छिक अनुपालन के लिए प्रोत्साहित करेगा और मुकदमेबाजी को कम करेगा।’’

खड़गे ने कहा, ‘‘सरकार के वादे एक के एक बाद गलत साबित होते जा रहे हैं। राजकोषीय घाटा अब भी बहुत ही ज्यादा है… कॉरपोरेट कर घटाया, लेकिन आम लोगों को राहत नहीं दी। वित्त मंत्री जी ने बजट भाषण के दौरान महाभारत का उल्लेख किया। मैं तो यही कहूंगा कि यह ‘द्रोणाचार्य और अर्जुन का बजट’ है, ‘एकलव्य का बजट’ नहीं है।’’

भाषा अविनाश उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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