कोलकाता, 1 फरवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल सरकार के सलाहकार और राज्य के पूर्व वित्त मंत्री अमित मित्रा ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय बजट के प्रस्तावों से ग्रामीण रोजगार प्रभावित होगा क्योंकि मनरेगा के लिए आवंटित राशि में कटौती की गई है।
बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा कि कोविड के कारण नौकरी गंवाने वाले लोगों के जीविकोपार्जन के लिए बजट में कुछ नहीं है। इसके अलावा इसमें किसानों और वेतनभोगी लोगों के लिए भी कुछ नहीं है। मित्रा ने कहा कि बेरोजगारी दर ऊंची रहने के बावजूद मनरेगा के लिए आवंटित राशि को 98 हजार करोड़ से घटाकर 73 हजार करोड़ कर दिया गया है।
मित्रा ने कहा कि मनरेगा का मकसद ग्रामीण इलाकों में जीविकोपार्जन को सुनिश्चित करना है, जिसके तहत न्यूनतम 100 दिन की मजदूरी प्रदान की जाती है। मित्रा ने कहा कि ऐसा लगाता है कि बजट केवल कुछ लोगों की आकांक्षाओं की पूर्ति करने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि बजट में बुजुर्गों और सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी कोई योजना नहीं है। स्टेगफ्लेशन पर मित्रा ने कहा कि थोक मूल्य सूचकांक बढ़कर 14 फीसदी और उपभोक्ता सूचकांक बढ़कर छह फीसदी हो गया है। स्टेगफ्लेशन वह स्थिति है जब बेरोजगारी और मुद्रास्फीति साथ-साथ बढ़ती है, जबकि समान्य परिस्थितियों में दोनों एक दूसरे के विपरीत रहते हैं।
भाषा संतोष उमा
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