पेशावर (पाकिस्तान), 31 जनवरी (भाषा) पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सोमवार को दो पादरियों पर हुए आतंकी हमले की जांच पुलिस ने बढ़ा दी है। इस हमले में एक पादरी की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गए थे। इस घटना ने अल्पसंख्यक समुदाय को झकझोर कर रख दिया है।
रविवार की प्रार्थना के बाद अपने वाहन से घर लौट रहे बिशप विलियम सिराज और फादर नईम पैट्रिक पर अज्ञात बंदूकधारियों ने पेशावर के गुलबहार थाना क्षेत्र के रिंग रोड के समीप गोलियां चला दीं। हमले में एक अन्य राहगीर को कोई चोट नहीं आई, जिसकी पहचान इनायत के रूप में हुई है। बिशप सिराज की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि हमले में फादर पैट्रिक घायल हो गए। पुलिस ने इस घटना को ‘‘आतंकवादी कृत्य’’ बताया है।
गुलबहार पुलिस ने कहा कि हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए इलाके में तलाश अभियान शुरू कर दिया गया है और अज्ञात हमलावरों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। पेशावर के पुलिस प्रमुख अब्बास एहसन ने कहा कि आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) के अधिकारी और स्थानीय पुलिस थाना के जांच अधिकारी घटना की जांच कर रहे हैं।
फादर पैट्रिक ने अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा बिशप सिराज की हत्या की प्राथमिकी सीटीडी में दर्ज कराई है। प्राथमिकी आतंकवाद रोधी कानून की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई है। एहसन ने कहा कि घटना की जांच के लिए विशेषज्ञों की दो टीमों का गठन किया गया है।
एहसन ने कहा कि आतंकवादी अब अल्पसंख्यकों को आसान निशाना बना रहे हैं लेकिन पुलिस खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि हमलावरों में से एक ने हेलमेट पहन रखा था, जबकि दूसरे ने अपने चेहरे को कपड़े से ढंक रखा था।
खैबर पख्तूनख्वा के पुलिस प्रमुख मोअज्जम जाह अंसारी ने अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ घटनास्थल का दौरा किया और उन्हें मामले की प्रगति के बारे में बताया गया। उन्होंने जांच टीम से मामले को चुनौती के रूप में लेने और दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ने को कहा। अंसारी ने कहा कि अल्पसंख्यक राष्ट्रीय विकास की रीढ़ हैं और उनकी सुरक्षा के लिए सभी संसाधनों का उपयोग किया जाएगा।
इस बीच, शहर के ऑल सेंट्स चर्च कोहाटी में कड़ी सुरक्षा के बीच बिशप सिराज का अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए आसपास के इलाकों को सील कर दिया था। धार्मिक मामलों और धार्मिक सद्भाव पर प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सलाहकार ताहिर अशरफी ने पाकिस्तान में ईसाई समुदाय के लोगाों को आश्वासन दिया कि हमलावरों को गिरफ्तार किया जाएगा।
इस हमले की देश में धार्मिक समुदाय के नेताओं ने कड़ी निंदा की। परिषद के प्रवक्ता मकसूद अहमद सल्फी ने कहा कि हमला एक साजिश थी क्योंकि देश विरोधी तत्व धार्मिक नफरत फैलाकर देश में अराजकता फैलाना चाहते थे। उन्होंने कहा, ‘‘हम इसकी घोर निंदा करते हैं।’’
‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार ने बताया कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य अल्बर्ट डेविड सहित ईसाई समुदाय के धार्मिक नेताओं ने भी हमले की निंदा की। डेविड ने घटना की तत्काल जांच कराने और दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की।
उन्होंने सरकार से ‘‘आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं’’ के मद्देनजर ईसाई संस्थानों और नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया। उन्होंने ‘‘पाकिस्तान के दुश्मनों और शांति भंग करने वालों’’ को हराने के लिए एकता की जरूरत पर जोर दिया। पाकिस्तान में पादरियों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए सोमवार को सभी मिशनरी स्कूल बंद रहे।
चर्च ऑफ पाकिस्तान के मॉडरेटर बिशप, बिशप आजाद मार्शल ने रविवार को एक ट्वीट में कहा, ‘‘हम पेशावर सूबा के पादरियों पर गोलीबारी और पादरी विलियम सिराज की हत्या एवं पैट्रिक नईम को घायल करने की कड़ी निंदा करते हैं। हम पाकिस्तान सरकार से न्याय और ईसाई समुदाय के लोगों की सुरक्षा की मांग करते हैं।’’
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सांसद शेरी रहमान ने हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘आतंकवाद अपनी विचारधारा के तहत किसी को भी निशाना बनाता है, जो जघन्य है और इसके खिलाफ स्पष्ट, ठोस नीति एवं पूरी ताकत के साथ लड़ा जाना चाहिए। कोई समझौता नहीं, कोई दोहरा मानदंड नहीं।’’
रविवार को ईसाई समुदाय के सदस्य घटनास्थल पर एकत्र हुए और पादरी की हत्या का विरोध करते हुए उनके हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में हिंदुओं के बाद ईसाई दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय है। 2017 की जनगणना के अनुसार, पाकिस्तान में आबादी का लगभग 1.27 प्रतिशत ईसाई समुदाय के लोगों के होने का अनुमान है।
भाषा सुरभि उमा
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