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Friday, 22 November, 2024
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पेगासस मामले में चिदंबरम और मायावती ने सरकार को घेरा, कहा- केंद्र की चुप्‍पी और भी नए सवाल खड़ी करती है

पिछले साल कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों के एक संगठन ने दावा किया था कि कई भारतीय नेताओं, मंत्रियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कारोबारियों और पत्रकारों के खिलाफ पेगासस का कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया है.

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नई दिल्ली: कांग्रेस के सीनियर नेता पी चिदंबरम और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने रविवार को पेगासस मामले में भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार पर निशाना साधा.

पी. चिदंबरम ने भारत और इजरायल के बीच राजनयिक संबंधों के 30 साल पूरे होने पर नरेंद्र मोदी के संदेश पर  तंज कसते हुए आज ट्वीट किया, ‘इजरायल से पूछने का यह सबसे अच्छा समय है कि क्या उनके पास पेगासस स्पाइवेयर का कोई उन्नत संस्करण है.’

 

भारत और इजरायल के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 30 साल पूरे होने पर शनिवार को पीएम मोदी ने एक विशेष वीडियो जारी किया था. जिसमे पीएम मोदी ने कहा था, ‘हमारे देशों के बीच संबंधों का इतिहास बहुत पुराना है. भारत और इजरायल के लोगों के बीच सदियों से मजबूत संबंध रहे हैं.’

मायावती ने साधा निशाना 

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने रविवार को पेगासस मामले में भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश और जनता के प्रति जवाबदेह एवं जिम्मेदार होकर विश्वसनीय जवाब देने के बजाय केंद्र की चुप्पी और भी नए सवाल खड़े करती है.

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को ट़्वीट किया, ‘पेगासस जासूसी कांड का भूत केंद्र सरकार एवं भाजपा की नींद लगातार उड़ाए हुए है. इस अति-गंभीर मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं, फिर भी देश और जनता के प्रति जवाबदेह एवं जिम्मेदार होकर विश्वसनीय जवाब देने के बजाय केंद्र की चुप्पी और भी नए सवाल खड़े करती है. सरकार खुलासा करें.’

उल्लेखनीय है कि अमेरिकी समाचार पत्र न्यूयार्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत ने 2017 में इजराइल के साथ दो अरब डॉलर के रक्षा सौदे के हिस्से के रूप में पेगासस स्पाइवेयर खरीदा था, जिसके बाद शनिवार को एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया और विपक्ष ने सरकार पर अवैध जासूसी में शामिल रहने का आरोप लगाया और इसे ‘देशद्रोह’ करार दिया है.

पिछले साल कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों के एक संगठन ने दावा किया था कि कई भारतीय नेताओं, मंत्रियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कारोबारियों और पत्रकारों के खिलाफ पेगासस का कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया है.


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