नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण से सम्मानित किए जाने की घोषणा के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने उन पर कटाक्ष किया, हालांकि पार्टी के ‘जी 23’ समूह में शामिल कई नेताओं ने आजाद को बधाई दी और कहा कि उनके योगदान को स्वीकार किया गया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह विडंबना है कि कांग्रेस को आजाद की सेवाओं की जरूरत नहीं है, जबकि राष्ट्र उनके योगदान को स्वीकार कर रहा है।
सरकार की ओर से मंगलवार को पद्म सम्मानों की घोषणा की गई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद को सार्वजनिक मामलों में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण से नवाजा जाएगा।
सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘‘गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। बधाई हो भाईजान। यह विडंबना है कि कांग्रेस को उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं है जबकि राष्ट्र सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को स्वीकार करता है।’’
राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने आजाद को बधाई देते हुए कहा, ‘‘जन सेवा और संसदीय लोकतंत्र में समृद्ध योगदान के लिए गुलाब नबी आजाद को यह सम्मान मिला है जिसके वह हकदार हैं। उन्हें बहुत बधाई।’’
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी आजाद को बधाई दी।
आजाद, सिब्बल, शर्मा और थरूर कांग्रेस के उस ‘जी 23’ का हिस्सा हैं जिसने साल 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में आमूल-चूल परिवर्तन और जमीन पर सक्रिय संगठन की मांग की थी।
बहरहाल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने मंगलवार रात आजाद पर कटाक्ष किया।
रमेश ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की ओर से पद्म भूषण सम्मान को अस्वीकार किए जाने को लेकर आजाद पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया, ‘‘यही सही चीज थी करने के लिए। वह आजाद रहना चाहते हैं गुलाम नहीं।’’
कांग्रेस नेता और पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने रमेश की टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधा।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘पद्म भूषण को लेकर कांग्रेस के राज्यसभा में मुख्य सचेतक (रमेश) का गुलाम नबी आजाद की आलोचना करना कुछ और नहीं, बल्कि इस सम्मान और इसे पाने वाले को कमतर करने का एक शर्मनाक संकेत है। इस तरह की सोच से कांग्रेस के उच्च मूल्यों वाले स्वभाव के साथ न्याय नहीं होगा।’’
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी रमेश पर निशाना साधा और कहा कि राष्ट्रीय सम्मान अस्वीकार करने पर किसी को आजाद बताना और स्वीकार करने पर गुलाम बताना, प्रदर्शित करता है कि राष्ट्रीय सम्मान के प्रति किसी के विचार कितने सतही हैं।
कांग्रेस की पूर्व नेता सुष्मिता देव ने भी रमेश पर प्रहार किया और हैरानगी जताते हुए सवाल किया कि क्या असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरूण गोगोई को पद्म भूषण या पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न ने भी उन दोनों को गुलाम बना दिया।
उधर, सिब्बल के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए असम के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, ‘‘मैं गुलाम नबी आजाद जी को कई वर्षों से जानता हूं। यह एक प्रतिष्ठित नेता, सज्जन व्यक्ति और घोर राष्ट्रवादी को दिया गया सम्मान है जिसके वह हकदार हैं। आजाद जी को पद्म भूषण प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार।’’
सरमा भाजपा में शामिल होने से पहले कांग्रेस में थे।
भाषा हक हक माधव
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