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Monday, 18 November, 2024
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पिछले साल गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के संबंध में 160 गिरफ्तार, 54 मामले दर्ज: दिल्ली पुलिस

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नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में पिछले साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर ट्रेक्टर परेड और उसके बाद हुई हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने 54 मामले दर्ज किये हैं और 160 लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

देश के 72वें गणतंत्र दिवस पर, 26 जनवरी 2021 को हजारों प्रदर्शनकारी दिल्ली में ट्रैक्टर लेकर घुसे और सड़कों पर कोहराम मचा दिया। पुलिस से उनकी झड़प हुई और प्रदर्शनकारियों ने लाल किले पर उस स्थान पर एक धार्मिक झंडा लहरा दिया जहां तिरंगा फहराया जाता है।

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के अनुसार, गत वर्ष हुई हिंसा के संबंध में लगभग 160 लोगों को गिरफ्तार किया गया जिनमें से 20 को लाल किले पर हिंसा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा 54 मामले दर्ज किये गए जिनमें से 16 अपराध शाखा में दर्ज हुए। पिछले साल मई में दिल्ली पुलिस ने अभिनेता-कार्यकर्ता दीप सिद्धू और 15 अन्य के विरुद्ध 3,224 पन्ने का पहला आरोप पत्र दायर किया था।

पुलिस ने कहा कि गणतंत्र दिवस हिंसा की जांच की जिम्मेदारी संभालने वाली अपराध शाखा ने सिद्धू और अन्य के खिलाफ 17 जून को पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था। सिद्धू पर हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता होने का आरोप है और उसे नौ फरवरी को गिरफ्तार किया गया था तथा बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।

पुलिस के अनुसार, हिंसा के दौरान 390 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे जबकि पुलिस के 30 वाहन और 428 अवरोधक क्षतिग्रस्त हो गए थे। दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी के संबंध में 37 किसान नेताओं को भी नामजद किया है जिसमें योगेंद्र यादव, मेधा पाटकर और राकेश टिकैत शामिल हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमेटी के सदस्य शिव कुमार कक्का ने पीटीआई-भाषा से कहा कि गत वर्ष गणतंत्र दिवस पर जो कुछ भी हुआ उसका किसान आंदोलन से कोई नाता नहीं है। कक्का ने कहा, “वह आंदोलन के विरुद्ध एक साजिश थी लेकिन फिर भी हमने उसकी जिम्मेदारी ली और राष्ट्र से माफी मांगी। हमने उस गलती के लिए माफी मांगी जो हमने कभी नहीं की। हमें उस घटना का दुख है।”

किसान यूनियन ने दिल्ली में हुई हिंसा से खुद को अलग कर लिया था और बाद में आंदोलन के तीन स्थलों पर प्रदर्शनकारियों की संख्या कम हो गई थी। देश की संसद ने 29 नवंबर को कृषि कानून वापस ले लिए जिसके बाद किसान आंदोलन समाप्त हो गया।

भाषा यश उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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