(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 25 जनवरी (भाषा) पाकिस्तान के विपक्षी नेताओं ने आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ‘तुष्टिकरण की नीति’ रखने के लिए इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की।
गृह मंत्री शेख रशीद अहमद ने कहा था कि सरकार प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ बातचीत के लिए तैयार है। इसके बाद विपक्षी नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा।
‘डॉन’ अखबार की खबर के अनुसार, विपक्षी नेताओं ने सोमवार को संसद के ऊपरी सदन सीनेट में एक चर्चा के दौरान सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि देश को चुनौती देने वालों के साथ बातचीत के विचार ने चरमपंथी समूहों का हौसला बढ़ाया है।
खबर के अनुसार विपक्षी नेताओं ने सरकार की आतंकवादी संगठनों के प्रति ‘‘तुष्टीकरण की नीति’’ के लिए आलोचना की।
खबर में कहा गया है कि उन्होंने टीटीपी के साथ बातचीत पर चिंता व्यक्त की, जो अफगानिस्तान सरकार के माध्यम से हो रही थी जिसे दुनिया के किसी भी देश ने मान्यता नहीं दी थी।
‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार इससे पहले सीनेट को संबोधित करते हुए, अहमद ने कहा कि सरकार टीटीपी के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है, लेकिन चेतावनी दी कि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले किसी भी समूह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि गत 15 अगस्त को तालिबान के काबुल में कब्जा करने से पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाओं की संख्या में वृद्धि देखी गई है।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता और सीनेट के पूर्व अध्यक्ष रजा रब्बानी ने कहा कि देश चरमपंथी दक्षिणपंथी ताकतों और धार्मिक समूहों को संरक्षण दे रहा है। उन्होंने कहा कि टीटीपी संघर्षविराम समझौते का उल्लंघन करता रहा, लेकिन सरकार अब भी कहती है कि बातचीत के लिए उसके दरवाजे खुले हैं।
विपक्ष को जवाब देते हुए अहमद ने कहा कि टीटीपी के साथ फिलहाल कोई बातचीत नहीं हो रही है क्योंकि उनकी मांगों को देश के सुरक्षा हितों के खिलाफ माना जाता है।
भाषा देवेंद्र उमा
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