(केजेएम वर्मा)
बीजिंग, 25 जनवरी (भाषा) चीन ने मंगलवार को जर्मनी के पूर्व नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल कायचिम सोनबाक पर शत्रुता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। चीन ने यह आरोप सोनबाक की उस अपील पर लगाया जिसमें उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को उचित सम्मान देकर मास्को और बीजिंग के निकट संबंध को बेपटरी करने की बात कही है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने कहा, ‘‘सोनबाक का बयान खास तरह का कट्टरपंथी धार्मिक बयान है। आज समय शांति और विकास का है। खुलेआम धर्म आधारित अलग-अलग गोलबंदी की अपील करना और शत्रुता को बढ़ावा देना ऐतिहासिक रूप से पीछे जाना है।’’
झाओ ने कहा कि इस तरह की अपील ना केवल हास्यास्पद है, बल्कि खतरनाक भी है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसकी निंदा करनी चाहिए। रूस को चीन से अलग करने के लिए यूक्रेन सैन्य संकट पर अमेरिका और यूरोपीय संघ को पुतिन के साथ मेल-मिलाप करने का सुझाव देने वाली सोनबाक की अपील से जुड़े सवाल पर झाओ ने यह टिप्पणी की।
सोनबाक ने हाल में भारत दौरे पर यह बयान दिया था जिसे लेकर जर्मनी और यक्रेन में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई। इसके कारण सोनबाक ने गत 23 जनवरी को पद से इस्तीफा दे दिया था।
मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (एमपी-आईडीएसए) में 21 जनवरी को आयोजित एक कार्यक्रम में सोनबाक को यह कहते हुए उद्धृत किया गया था कि क्या रूस वास्तव में यूक्रेन की मिट्टी की एक छोटी सी पट्टी चाहता है। इसके बाद खुद ही जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, यह बकवास है। पुतिन शायद दबाव डाल रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि वह ऐसा कर सकते हैं, वह यूरोपीय संघ की राय को विभाजित कर सकते हैं। वह वास्तव में सम्मान चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह (पुतिन) उच्च-स्तरीय सम्मान चाहते हैं। अगर मुझसे पूछा जाए, तो उन्हें वह सम्मान देना आसान है जो वह चाहते हैं और शायद वह इसके हकदार भी हैं। रूस एक महत्वपूर्ण देश है। यहां तक कि भारत और जर्मनी को भी रूस की जरूरत है। हमें चीन के खिलाफ रूस की जरूरत है…।’’
उन्होंने खुद को एक बहुत ही कट्टरपंथी रोमन कैथोलिक और ईसाई धर्म में विश्वास करने वाला व्यक्ति बताया। सोनबाक ने कहा कि पुतिन नास्तिक हैं, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, हमें इस बड़े देश को साथ रखना है। सोनबाक की टिप्पणियों से यूक्रेन में आक्रोश फैल गया। रूस से बड़े दुश्मन के रूप में चीन की पहचान करने वाली सोनबाक की टिप्पणियों ने बीजिंग में खलबली मचा दी।
पुतिन 4 फरवरी को बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए चीन जाएंगे। कोविड-19 महामारी के बाद उनकी यह पहली चीन यात्रा होगी, जिसमें वह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलेंगे। जर्मनी और चीन के बीच घनिष्ठ संबंधों पर प्रकाश डालते हुए झाओ ने कहा, ‘‘मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि चीन और जर्मनी हर क्षेत्र में रणनीतिक साझेदार हैं। जब से जर्मनी में नई सरकार बनी है, दोनों देशों के नेताओं में घनिष्ठ वार्ता जारी है।’’
भाषा संतोष माधव
माधव
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