कोलकाता, 25 जनवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य में मौजूदा राजनीतिक हालात को ‘डरावना’ बताते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि राज्य की जनता को स्वतंत्रता और निडरता से अपना वोट डालने की भी आजादी नहीं है।
उन्होंने राज्य विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी पर भी आरोप लगाया कि वह संवैधानिक नियमों की अवहेलना कर रहे हैं।
धनखड़ ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर विधानसभा परिसर में डॉ बी आर आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद कहा, ‘‘हमने चुनाव के बाद अभूतपूर्व स्तर की हिंसा देखी है। अपनी इच्छा से वोट डालने का साहस करने वालों को अपनी जान देकर कीमत चुकानी पड़ी।’’
राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष द्वारा नियुक्त एक तथ्यान्वेषी समिति ने कहा था कि राज्य में शासक का शासन चलता है, न कि कानून का। उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल के हालात इतने भयावह और डरावने हैं कि यहां शासक को लेकर डर है।’’
धनखड़ ने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी पर मांगी गई जानकारी मुहैया नहीं कराने का भी आरोप लगाया। विधानसभा अध्यक्ष ने धनखड़ के बयान को ‘अनुचित’ बताया।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी अनेक मौकों पर उनके सवालों का जवाब नहीं देने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा अध्यक्ष…वह सोचते हैं कि उनके पास राज्यपाल के बारे में कुछ भी बोलने का अधिकार है।’’
उन्होंने दावा किया कि पहले भी कई मौकों पर विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के परिचालन क्षेत्र के विस्तार पर विधानसभा में पारित प्रस्ताव के ब्योरे समेत मांगी गई अन्य जानकारी नहीं दी।
धनखड़ ने कहा कि विधानसभा में उनके अभिभाषण का प्रसारण दो बार रोका गया।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या वह अनुच्छेद 168 के बारे में जानते हैं। राज्यपाल विधायिका में सबसे ऊपर है, विधानसभा में दूसरे स्थान पर। मैं इस तरह के अविवेकपूर्ण, असंवैधानिक कार्यों को सहन नहीं करुंगा। विधानसभा अध्यक्ष अब से राज्यपाल के अभिभाषण के प्रसारण को नहीं रोकेंगे। अगर वह ऐसा करते हैं तो उन्हें कानून का सामना करना पड़ेगा।’’
राज्यपाल ने कहा कि उनके पास किसी विधेयक या सरकार की किसी सिफारिश के संबंध में कोई फाइल लंबित नहीं है।
धनखड़ के आरोपों के फौरन बाद प्रतिक्रिया देते हुए बिमान बनर्जी ने कहा कि राज्यपाल का इस तरह के बयान देना ‘अत्यंत अशिष्टतापूर्ण’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘महामहिम राज्यपाल बी आर आंबेडकर को श्रद्धांजलि देने आये थे। हमें नहीं पता था कि वह इस मंच का इस्तेमाल प्रेस वार्ता के लिए करेंगे। यह पूरी तरह अनुचित और अशिष्टतापूर्ण है।’’
बनर्जी ने कहा, ‘‘विधानसभा ऐसी जगह है जहां उन्हें अपने अधिकार क्षेत्र में काम करना चाहिए और मैं अपने अधिकार क्षेत्र में काम करुंगा।’’
भाषा वैभव नरेश
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