नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की सहायक कंपनी दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमईपीएल) को 31 जनवरी को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष पेश होने का आदेश दिया है।
इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय से 4,600 करोड़ रुपये से अधिक के मध्यस्थ आदेश को लागू करने से संबंधित विवाद पर जल्द से जल्द सुनवाई का अनुरोध किया।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने कहा कि याचिका पर सुनवाई में और देरी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि देरी से दोनों पक्षों को नुकसान है।
इससे पहले मध्यस्थता पंचाट ने डीएमआरसी को आदेश दिया था कि वह डीएएमईपीएल को 4,600 करोड़ रुपये का भुगतान करे। इस बारे में डीएमआरसी की तरफ से दायर तमाम याचिकाएं निरस्त हो चुकी हैं। उच्चतम न्यायालय ने भी गत 23 नवंबर को अपने फैसले पर पुनर्विचार की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की अनुषंगी इकाई डीएएमईपीएल डीएमआरसी की एयरपोर्ट मेट्रो लाइन के विकास से जुड़ी हुई थी। लेकिन बाद में वह संरचनात्मक खामियों का हवाला देते हुए इससे अलग हो गई थी। इसी सौदे की विवादित रकम का भुगतान किया जाना है।
भाषा पाण्डेय
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