कैराना (उप्र), 22 जनवरी (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कैराना से 2017 से पहले हिंदुओं के कथित ‘पलायन’ के मुद्दे को उल्लेख करते हुए शनिवार को कहा कि ‘‘यही कैराना है, जहां पलायन होता था, लेकिन अब पलायन कराने वाले खुद पलायन कर गए हैं।’’
शाह ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपना घर-घर चुनाव प्रचार अभियान शुरू किया और इसके तहत उन परिवारों के घर पहुंचे जो कथित पलायन के बाद यहां लौट आये हैं।
कड़ाके की ठंड एवं बारिश से भीगी गलियों में शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ घर-घर प्रचार किया। इस दौरान उनके साथ कैराना से भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह, गन्ना मंत्री सुरेश राणा व सांसद प्रदीप चौधरी भी मौजूद थे। शाह के साथ जो भाजपा कार्यकर्ता थे उन्होंने भगवा टोपी पहन रखी थी और भाजपा का चुनाव चिन्ह लिया हुआ था। भाजपा कार्यकर्ता ‘जय श्रीराम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगा रहे थे। शाह ने इस दौरान लोगों को भाजपा सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए पर्चे बांटे। शाह ने घर-घर जाकर लोगों से आगामी दस फरवरी को भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील की।
विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद उत्तर प्रदेश में शाह का यह पहला राजनीतिक कार्यक्रम है। कैराना का चुनाव महत्वपूर्ण है क्योंकि भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया था कि समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार के कार्यकाल के दौरान खतरों के कारण बड़ी संख्या में हिंदू क्षेत्र से पलायन करने के लिए मजबूर हुए थे। भाजपा ने इसे 2017 में एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था।
भाजपा के शीर्ष नेता हाल की चुनावी रैलियों में योगी आदित्यनाथ सरकार के तहत राज्य में बेहतर कानून व्यवस्था की स्थिति का दावा करते हुए फिर से इस मुद्दे को उठा रहे हैं।
शाह ने उन परिवारों से मिले जिनके सदस्यों को समाजवादी पार्टी के शासन के दौरान कथित तौर पर पलायन के लिए मजबूर किया गया था। भाजपा नेता को देखने के लिए उमड़ी भीड़ के कारण सुरक्षाकर्मियों को मुश्किल का सामना करना पड़ा। क्षेत्र के निवासियों ने सुरक्षा को सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बताया और कुछ ने भाजपा नेता पर फूलों की बौछार की और ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए।
भाजपा ने कैराना से रालोद-समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार इकरा हसन के खिलाफ कई बार सीट जीतने वाले दिवंगत हुकुम सिंह की सबसे बड़ी बेटी मृगांका सिंह को मैदान में उतारा है।
सपा द्वारा दागी विधायक नाहिद हसन को टिकट देने को लेकर राजनीतिक विरोधियों द्वारा उस पर निशाना साधे जाने के बाद पार्टी ने इकरा हसन को मैदान में उतारा है। नाहिद हसन को 15 जनवरी को नामांकन दाखिल करने के बाद गैंगस्टर अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।
कैराना पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले में एक नगर और नगरपालिका बोर्ड है।
शाह को फिर से आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के प्रचार अभियान की देखरेख का काम सौंपा गया है क्योंकि ऐसा समझा जाता है कि उन्हें राज्य में जाति समीकरण की अच्छी समझ है और व्यक्तिगत रूप से सभी निर्वाचन क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय है।
वह 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों और राज्य में 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की शानदार जीत के मुख्य सूत्रधार थे। 403 सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए सात चरणों में मतदान 10 फरवरी से शुरू होगा।
शाह ने कहा कि 2014 के बाद वह पहली बार कैराना आये हैं, उन्होंने कोविड के कारण घर-घर जाकर संपर्क किया। शाह के मुताबिक, इस दौरान पलायन पीड़ित परिवार ने उनसे कहा, ‘‘अब हमें कोई डर नहीं हैं, हम शांति के साथ व्यापार कर रहे हैं, हमें पलायन कराने वाले पलायन कर गये हैं।’’
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास की गति को तेज किया है। पूरे देश में विकास की लहर दिखाई देती है। हर गरीब को सुविधाएं दी जा रही हैं।’’ शाह ने कहा कि वर्ष 2014 में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार बनने व 2017 में प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनने पर समग्र विकास हुआ है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा,‘‘ आज मैं कैराना में पलायन पीड़ित मित्तल परिवार के साथ बैठा, परिवार के 11 लोग मौजूद थे। वे सभी पहले पलायन कर गए थे और अब यहां दोबारा आकर सुरक्षित माहौल में अपना व्यापार कर रहे हैं।’’
शाह ने मतदाताओं से भाजपा को वोट देने की अपील करते हुए कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति को बरकरार रखना है,तुष्टिकरण को खत्म करना है,एक जाति के लिए काम करने वाली सरकारों के चलन को खत्म करना है और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश का विकास करना है तो फिर से इस प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की सरकार प्रचंड बहुमत से बनानी है।
शाह का शामली और बागपत में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने का भी कार्यक्रम है। वह शाम को मेरठ में प्रतिष्ठित नागरिकों के साथ बातचीत करेंगे।
भाषा अमित माधव
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