नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) महान स्वंतत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनिता बोस फाफ ने शुक्रवार को कहा कि नेताजी भारतीयों के दिलों में रहते थे, रहते हैं और आगे भी रहेंगे। उन्होंने यहां इंडिया गेट पर नेताजी की एक विशाल प्रतिमा स्थापित किये जाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा का स्वागत भी किया।
जर्मनी में रह रहीं अनिता ने संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित एक वेबिनार में कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भारत की वित्तीय और आर्थिक मजबूती के लिए एक दूरदृष्टि थी और उन्होंने यहां तक कि देश को आजादी मिलने से पहले ही एक योजना आयोग का गठन किया था।
उन्होंने यह भी कहा कि नेताजी लैंगिक समानता के प्रबल समर्थक थे और उनका सपना एक ऐसे भारत का निर्माण करना था जहां पुरुषों और महिलाओं के न केवल समान अधिकार हो, बल्कि वे समान कर्तव्य भी निभा सकें।
बाद में, जर्मनी से फोन पर उन्होंने पीटीआई-भाषा से बात करते हुए इंडिया गेट पर उनके पिता की प्रतिमा स्थापित किये जाने की केंद्र के फैसले का स्वागत किया।
अनिता ने कहा, ‘‘मैं इस फैसले से बहुत खुश हूं। यह एक बहुत अच्छा स्थान है। मैं निश्चित रूप से गौरवान्वित महसूस कर रही हूं कि उनकी प्रतिमा इस तरह के एक प्रमुख स्थान पर लगाई जाएगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस चीज ने आश्चर्यचकित किया कि यह सब अभी अचानक से हुआ। किसी को पहले से तैयारी करनी हो सकती थी लेकिन नहीं होने से देर होना बेहतर है। मैं उम्मीद करती हूं कि झांकी को लेकर विवाद पर भी संतोषजनक तरीके से विराम लग जाएगा।’’
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की झांकी को दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं किया गया है। दरअसल, सुभाष चंद्र बोस की 125वीं सालगिरह पर राज्य की प्रस्तावित झांकी में नेताजी और उनकी आजाद हिंद फौज के योगदान को प्रदर्शित किया जाना था।
अनिता ने वेबिनार के दौरान स्वतंत्रता संघर्ष और राष्ट्र निर्माण में नेताजी के योगदान के बारे में भी चर्चा की।
उन्होंने कहा, ‘‘नेताजी भारतीयों के दिलों में रहते थे, रहते हैं और आगे भी रहेंगे। मेरे पिता एक धर्मनिष्ठ हिंदू थे लेकिन वह सभी धर्मों का सम्मान करते थे तथा उन्होंने एक ऐसे भारत का सपना देखा था जिसमें सभी धर्मों का शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व हो।’’
भाषा सुभाष शाहिद
शाहिद
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