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Tuesday, 26 November, 2024
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मप्र सरकार ने विशेष समुदाय से धमकी की शिकायत मिलने के बाद गांव में पुलिस चौकी स्थापित की

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भोपाल, 19 जनवरी (भाषा) मध्य प्रदेश में रतलाम जिले के सुराणा गांव के हिंदू निवासियों द्वारा एक विशेष समुदाय के सदस्यों पर उत्पीड़न के आरोप लगाने के बाद गांव में एक पुलिस चौकी स्थापित की गई है। प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को यह जानकारी दी।

गृह मंत्री ने कहा कि वर्तमान स्थिति पैदा करने वाले मुद्दों को हल करने के लिए दोनों समुदायों के स्थानीय निवासियों और अधिकारियों की एक समिति बनाई गई है। इसके साथ ही गांव में आपराधिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासन ने कहा कि गांव की स्थिति के लिए असामाजिक तत्व जिम्मेदार है और दोनों समुदाय के सदस्य शांति से रहना चाहते हैं।

सुराणा गांव के हिंदू निवासियों के समूह ने मंगलवार को जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंप कर आरोप लगाया था कि उन्हें एक विशेष समुदाय के लोगों से धमकियां मिल रही हैं जो कि गांव की आबादी का 60 प्रतिशत हैं।

मिश्रा ने भोपाल में पत्रकारों से कहा, ‘‘ सूचना मिलने पर जिलाधिकारी और पुलिसअधीक्षक को गांव में भेजा गया। सुराणा में अस्थाई पुलिस चौकी बनाई गई है, जहां एक उप निरीक्षक और 10 अन्य पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। किसी गलतफहमी की वजह से गांव में यह स्थिति पैदा हुई।’’

उन्होंने कहा कि एक समिति, जिसमें दोनों समुदायों के दो-दो सदस्य और दो अधिकारी शामिल किए गए हैं, गांव के कुछ निवासियों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ध्यान देगी। इसके साथ ही गांव के आपराधिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई शुरु की जा रही है और उन्हें जिले से बाहर किया जाएगा।

जिलाधिकारी कुमार पुरुषोत्तम ने बुधवार को ग्रामीणों के साथ बैठक करने के बाद कहा कि दोनों समुदायों के लोगों के विचार सुने गए।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम एक महीने के भीतर सरकारी जमीन (सुराणा गांव) से सभी अतिक्रमण हटा देंगे। दोनों समुदाय शांति से रहना चाहते हैं। पिछले दो-तीन साल में कुछ घटनाएं घटी हैं, जिनेसे दोनों समुदायों के बीच अविश्वास का माहौल पैदा हो गया है।’’

उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा बनाई गई थी, लेकिन किसी को कलह पैदा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उकसावे में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

ज्ञापन में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पिछले दो-तीन साल में कुछ परिवारों के युवाओं को बार-बार धमकाया गया और पीटा गया, लेकिन पुलिस में कई शिकायतें दर्ज कराए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।

ज्ञापन में पीड़ित ग्रामीणों ने कहा कि वे अपनी संपत्ति प्रशासन को सौंपकर अन्य जगहों पर बसना चाहते हैं।

इस बीच, सोशल मीडिया पर तस्वीरें सामने आई हैं जिसमें गांव के कुछ घरों की दीवारों पर ‘‘मकान बिकाऊ है’’ लिखा देखा जा सकता है।

भाषा दिमो सिम्मी

सिम्मी

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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