भोपाल, 19 जनवरी (भाषा) मध्य प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए नयी आबकारी नीति की घोषणा की है।
मध्य प्रदेश मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित आबकारी नीति 2022-23 में सरकार ने शराब की खुदरा कीमतों में 20 प्रतिशत की कमी करने का निर्णय किया है।
शराब की दरों में प्रस्तावित कटौती का कारण बताते हुए एक अधिकारी ने कहा कि इस कदम से शराब की कीमतें पड़ोसी राज्यों के साथ प्रतिस्पर्धी हो जाएंगी।
इस बीच, विपक्षी दल कांग्रेस ने कटाक्ष करते हुए कहा कि राज्य सरकार ईंधन पर करों में कमी करके आम लोगों को राहत देने को तैयार नहीं है, लेकिन शराब की कीमतें कम कर रही है।
सरकार ने नयी नीति के तहत राज्य के सभी हवाई अड्डों और चार बड़े शहरों के चुनिंदा सुपर बाजारों में शराब की बिक्री की अनुमति देने और होम बार लाइसेंस जारी करने का निर्णय भी किया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में मध्य प्रदेश विरासत (पारंपरिक) शराब नीति को भी मंजूरी दी गई।
आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘नयी आबकारी नीति के तहत प्रदेश के सभी हवाई अड्डों पर शराब बेचने के काउंटर खोले जा सकते हैं। वही इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर के चुनिंदा सुपर बाजारों में तय शुल्क पर इस तरह के आउटलेट के लिए लाइसेंस जारी किए जा सकते हैं।’’
बयान के अनुसार, अब एक करोड़ रुपए या उससे अधिक वार्षिक व्यक्तिगत आय वाले लोगों को 50 हजार रुपए के वार्षिक शुल्क पर ‘होम बार’ लाइसेंस जारी किया जा सकेगा।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि देश में ‘होम बार’ लाइसेंस पहली बार जारी नहीं किया जा रहा है, और उत्तरी भारत के राज्यों में पहले ऐसा हुआ है। इस नीति के तहत पर्यटन स्थलों पर ईको पर्यटन बोर्ड एवं पर्यटन विकास निगम द्वारा संचालित अस्थाई इकाइयों को रियायती दरों पर बार लाइसेंस जारी किया जाएगा।
राज्य सरकार ने शराब आयात प्रक्रिया को भी सरल बनाने का फैसला लिया है जिसके तहत भोपाल और इंदौर में सीमित मात्रा में बीयर का उत्पादन की अनुमति दी जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि अवैध शराब की बिक्री पर लगाम लगाने के लिए सभी शराब की दुकानों में भारत में निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल), देशी शराब तथा बीयर एक साथ बेची जा सकेगी।
नयी आबकारी नीति में जिला स्तरीय उच्चाधिकार के पास जरुरत पड़ने पर शराब की दुकानों का स्थान बदलने का अधिकार होगा।
अधिकारियों के अनुसार, नयी नीति के तहत मध्य प्रदेश में किसानों द्वारा उपजाए गए अंगूर से तैयार शराब को शुल्क मुक्त किया जाएगा।
मध्य प्रदेश मंत्रिपरिषद ने पिछले वर्ष नवंबर में मुख्यमंत्री द्वारा घोषित नयी विरासत शराब नीति को भी मंजूरी दी थी। इसमें आदिवासियों को पारंपरिक तरीके से महुआ के फूलों से शराब बनाने और बेचने में सक्षम बनाने का प्रावधान है।
कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि नयी आबकारी नीति शराब के प्रति उसके प्रेम को दर्शाती है।
उन्होंने कहा, ‘‘मप्र में शराब सस्ती होने जा रही है लेकिन पेट्रोल और डीजल पर लगाने वाले करों पर राहत नहीं दी जा रही। प्रदेश सरकार ने नयी आबकारी नीति में शराब की खपत को बढ़ावा देने के लिए कई फैसले लिए हैं।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव के दौरान शराबबंदी की बात करती है लेकिन सत्ता में रहते हुए शराब की बड़ी समर्थक बन जाती है।
भाषा दिमो अर्पणा
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