scorecardresearch
Friday, 27 December, 2024
होमदेशअर्थजगतखाद्य तेल आयात पर भारत का खर्च 75 प्रतिशत बढ़कर 1,04,354 करोड़ रुपये पर : सोपा

खाद्य तेल आयात पर भारत का खर्च 75 प्रतिशत बढ़कर 1,04,354 करोड़ रुपये पर : सोपा

Text Size:

इंदौर, 19 जनवरी (भाषा) प्रसंस्करणकर्ताओं के एक प्रमुख संगठन ने बुधवार को कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष के शुरुआती नौ महीनों में खाद्य तेलों के आयात पर देश का खर्च 75 प्रतिशत के उछाल के साथ 1,04,354 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

इंदौर स्थित सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के चेयरमैन डेविश जैन के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान अप्रैल से दिसंबर के बीच देश ने खाद्य तेल आयात पर 59,543 करोड़ रुपये खर्च किए थे।

जैन ने खाद्य तेलों के धड़ल्ले से किए जा रहे आयात पर चिंता जताते हुए कहा, ‘भारत दुनिया में खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक है। इस आयात पर हमारी बढ़ती निर्भरता से तेल निर्यातक देशों और उनके किसानों को फायदा हो रहा है।’

उन्होंने मांग की कि सरकार को खाद्य तेलों के आयात पर कर की दरें बढ़ाकर आयात नियंत्रित करना चाहिए और इन करों से मिलने वाले राजस्व को तेल-तिलहन क्षेत्र को बढ़ावा देने पर खर्च किया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि भारत अपनी घरेलू खाद्य तेल जरूरत का करीब 60 प्रतिशत आयात से पूरा करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को खाद्य तेल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने और आयात पर निर्भरता घटाने के लिए पिछले साल अगस्त में एक राष्ट्रीय मिशन की घोषणा की थी।

उन्होंने कहा था कि इस मिशन के तहत खाद्य तेलों और पाम तेल का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिये उपयुक्त वातावरण विकसित करने में 11,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा।

भाषा हर्ष

अर्पणा अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments