कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने पिछले साल चितरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (सीएनसीआई) के दूसरे परिसर का उद्घाटन किया था, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र को समर्पित किया.
बनर्जी ने कहा कि राज्य ने परियोजना लागत का 25 प्रतिशत वित्त पोषित किया है और अब भी यहां के पास राजारहाट में सुविधा में आवर्ती खर्च वहन कर रहा है.
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने डिजिटल तरीके से परियोजना का उद्घाटन किया. लेकिन मैं पीएम को सूचित करना चाहती हूं कि हमने पहले ही इसका उद्घाटन महामारी के प्रकोप के दौरान कर दिया था जब हमें एक कोविड केंद्र की आवश्यकता थी. इससे हमें बहुत मदद मिली. यह संस्थान राज्य सरकार के साथ भी जुड़ा है.’
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में डिजिटल तरीके से शामिल हुईं मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य इसके लिए 71 करोड़ रुपये का आवर्ती खर्च भी वहन करता है.
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री को यह जानकर खुशी होगी कि राज्य परियोजना के 25 प्रतिशत का वित्तपोषण कर रहा है. हमने दूसरे परिसर के लिए सीएनसीआई को 11 एकड़ जमीन भी दी है.’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने हालांकि परिसर का उद्घाटन करने और इसे देश के लोगों को समर्पित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया.
बनर्जी ने यह भी कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया द्वारा दो बार आमंत्रित किए जाने के बाद वह इस कार्यक्रम में शामिल हुईं.
विभिन्न विभागों में वरिष्ठ सलाहकारों को नियुक्त करने के अपनी सरकार के फैसले का उल्लेख करते हुए, बनर्जी ने प्रधानमंत्री से कहा कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ इस कदम के पीछे के कारण पर सवाल उठा रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘आपने (मोदी ने) हमें बाहर से लोगों को नियुक्त करने का सुझाव दिया और हमने उसका पालन किया. लेकिन राज्यपाल ने मुझसे सवाल किया कि मैंने ऐसा फैसला क्यों लिया. उन्होंने हमें (फैसला लेने में अपनाई गई) प्रक्रिया दिखाने के लिए कहा. उन्हें कोई इल्म नहीं है कि हमने प्रधानमंत्री की सलाह का पालन किया है. राजनीतिक दृष्टिकोण कुछ भी हो, लेकिन हम केंद्र के दिशानिर्देशों का पालन करते हैं. हम इसके 99 प्रतिशत पालन का प्रयास करते हैं.’
बनर्जी ने प्रधानमंत्री से राज्य में चिकित्सा सीटों को बढ़ाने का भी अनुरोध किया.
उन्होंने कहा, ‘डॉक्टरों की कमी है और आबादी के अनुसार मेडिकल सीटों के लिए कोटा (संख्या) बढ़ाया जाना चाहिए. एक अस्पताल है जहां 75 डॉक्टर कोविड-19 से पीड़ित हैं. मरीजों का इलाज कैसे होगा?’