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Wednesday, 18 December, 2024
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चुनाव आयोग की रिपोर्ट के बाद जांच के घेरे में इमरान खान और उनकी पार्टी PTI, विदेशी चंदे का है मामला

इमरान खान ने ईसीपी से मांग की कि वो पीटीआई की विरोधी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) की भी जांच करे.

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नई दिल्ली: क्या प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने विदेशों से मिले चंदे की जानकारी को छुपाया? विदेशी चंदे को लेकर पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) की एक रिपोर्ट आने के बाद इमरान खान एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं और इसे लेकर उनकी आलोचना भी हो रही है.

डॉन के मुताबिक, जिसने इस रिपोर्ट को देखा है, पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इस बात की तस्दीक की है कि न केवल इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने विदेश में रह रहे देश के नागरिकों से चंदा लिया बल्कि इस बारे में जानकारी को छुपाया और कई बैंक खातों को गुप्त रखा.

ईसीपी की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए इमरान खान ने कहा कि पीटीआई की फंडिंग को लेकर चुनाव आयोग की जांच का वो स्वागत करते हैं. एक ट्वीट में खान ने कहा, ‘हमारे खातों की जितनी जांच होगी उतने स्पष्ट तौर पर देश को इसके बारे में पता चलेगा कि पीटीआई एकमात्र राजनीतिक पार्टी है जो ठीक तरह से राजनीतिक चंदा जुटाती है.’

इमरान खान ने ईसीपी से मांग की कि वो पीटीआई की विरोधी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) (पीएमएल-एन) की भी जांच करे. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इससे देश को पता चलेगा कि ‘ठीक तरह से चंदा जुटाना और क्रॉनी कैपिटिलिस्ट से उगाही करना क्या होता है’.

इस बीच पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने मंगलवार को कहा कि ये रिपोर्ट ‘गलत’ है और उन्होंने इमरान खान की मांग को दोहराते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियों के खातों की भी जांच होनी चाहिए.


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क्या कहती है पाकिस्तान के चुनाव आयोग की रिपोर्ट

रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान की पार्टी ने 2009-10 और 2012-13 के बीच 312 मिलियन पाकिस्तानी रुपए की जानकारी नहीं दी. वहीं सिर्फ वित्त वर्ष 2013 में पीटीआई ने 145 मिलियन पाकिस्तानी रुपए की जानकारी नहीं दी.

अमेरिका के अलावा इमरान खान की पार्टी को दुबई, यूनाइटेड किंगडम, यूरोप, डेनमार्क, जापान, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया से भी चंदा मिला. लेकिन कमिटी को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई.

ईसीपी की जांच टीम की रिपोर्ट से यह भी पता चला कि पीटीआई ने 53 बैंक खातों के बारे में नहीं बताया. पार्टी ने विदेशी फंडिंग के मामले में केवल 12 खातों की जानकारी दी. रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टेट बैंक ने खुलासा किया कि पीटीआई के पास 65 बैंक खाते हैं.


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विपक्ष कर रहा इमरान खान के इस्तीफे की मांग

पीएमएल-एन के कई नेता ईसीपी की रिपोर्ट आने के बाद इमरान खान के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज़ शरीफ ने कहा, ‘पीटीआई पिछले 7 सालों से विदेशी फंडिंग के मामले से भाग रही है और अब हम जान गए हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है.’

पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता शाहिद खक्कान अब्बास ने ईसीपी की रिपोर्ट आने के बाद इमरान खान के इस्तीफे की मांग की है.

अब्बास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले पर संज्ञान लेना चाहिए और मांग की कि खान को अपने पद से हट जाना चाहिए.


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‘पाकिस्तान गरीब हो रहा है और इमरान अमीर’

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने कहा कि ‘पाकिस्तान लगातार गरीब होता जा रहा था वहीं इमरान खान अमीर हो रहे थे’.

भुट्टो ने ट्वीट कर कहा, ‘ईसीपी की रिपोर्ट न केवल पार्टी के भ्रष्टाचार को साबित करती है बल्कि उनकी हिपोक्रेसी को भी दिखाती है.’

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के प्रमुख मौलाना फजल-उर-रहमान ने भी कहा कि पीटीआई की विदेशी फंडिंग ने ‘इमरान खान और उनकी पार्टी के भ्रष्टाचार’ को उजागर किया है.

ईसीपी की रिपोर्ट के बाद, सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के लोग इमरान खान पर निशाना साध रहे हैं और उन्हें ‘हिपोक्रेट’ कह रहे हैं.

पाकिस्तानी पत्रकार नायला इनायत ने भी ट्वीट कर प्रधानमंत्री इमरान खान को घेरा है. एक और ट्विटर यूज़र ने लिखा, ‘हां, ओवरसीज़ पाकिस्तानी ने घबराना नहीं है.’

ट्विटर यूज़र काज़ी एम शोएब अमीन ने कहा, ‘वैसे तो खान साहब, दुनिया ने आपसे ज्यादा शर्मनाक और झूठा आदमी नहीं देखा है.’

वहीं सलमान अरशद ने लिखा, ‘अगर आप इतने इमानकारी के चैंपियन बनते हैं तो ईसीपी को करने देते प्रोसीडिंग्स, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता.’

बता दें कि पीटीआई के खातों की जांच के लिए 2018 के मार्च महीने में जांच समिति बनाई गई थी. लेकिन चार साल बाद इसने ईसीपी को दिसंबर 2021 में अपनी रिपोर्ट सौंपी है.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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