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Friday, 22 November, 2024
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वर्चुअल रैली के लिए BJP तैयार, चुनाव आयोग जो भी फैसला करेगा उसे मानेंगे : केंद्रीय मंत्री

गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि चुनाव आयोग हेल्थ सेक्रेटरी और एक्सपर्ट्स के साथ बात कर रहा है. चुनाव कैसे, कब और किन नीतियों के साथ होगा और क्या पांबदियां होंगी ये फैसला करना चुनाव आयोग का काम है.

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नई दिल्ली: कोविड के नये वैरिएंट ओमीक्रॉन आने वाले पांच विधानसभा चुनावों के लिए मुश्किल खड़ी कर दी हैं. यूपी चुनाव आयोग की टीम इसको लेकर तीन दिवसीय दौर पर लखनऊ पहुंची है. वहीं बीजेपी की तरफ से कहा गया है कि वह वर्चुअल रैली के लिए तैयार है. ईसी जो भी फैसला करेगा उसे सब मानेंगे.

आयोग द्वारा लखनऊ, उत्तर प्रदेश में निर्वाचन कार्याें की तैयारियों से संबंधित 75 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, मंडलायुक्तों/ पुलिस महानिरीक्षकों के साथ समीक्षा बैठक की है.

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि ‘वर्चुअल रैली के लिए BJP तैयार है. हमने बंगाल के चुनाव में भी वर्चुअल रैली की थी. कोविड के दौरान जब दुनिया की सभी राजनीतिक पार्टियां हाइबरनेशन में थी उस समय भी BJP के कार्यकर्ता और पार्टी के सभी लोग वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर काम कर रहे थे.’

उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग हेल्थ सेक्रेटरी और एक्सपर्ट्स के साथ बात कर रहा है. चुनाव कैसे, कब और किन नीतियों के साथ होगा और क्या पांबदियां होंगी ये फैसला करना चुनाव आयोग का काम है. आयोग जो फैसला करेगा वो सभी पार्टियों के लिए सामान्य रूप से लागू होगा.

अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को चुनाव प्रक्रिया से दूर रखने की मांग

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चन्द्रा के नेतृत्व में एक टीम मंगलवार को लखनऊ पहुंची.

चुनाव आयोग की टीम में मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्तों सहित कुल 13 सदस्य हैं और यह तीन दिवसीय दौरे पर आयी है.

चुनाव आयोग की टीम ने योजना भवन में भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस तथा अन्य दल के नेताओं के साथ भेंट की और उनके विचार सुने. टीम के साथ बैठक में भाजपा ने प्रत्येक बूथ पर महिला सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की मांग की, वहीं कांग्रेस ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी को चुनावी प्रक्रिया से दूर रखने का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया कि वह चुनावों को ‘प्रभावित’ कर सकते हैं.

कांग्रेस ने सभी दलों द्वारा कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी को पद से हटाने की मांग की. वहीं, बसपा ने प्रदेश में समय पर चुनाव कराने की मांग करते हुये कोविड के मद्देनजर इन दिनों राजनीतिक रैलियों में जुट रही भीड़ का जिक्र किया. राष्ट्रीय लोकदल के प्रतिनिधिमंडल ने वीवीपैट पर्ची की दोबारा गिनती कराने का अनुरोध किया.

भाजपा के महासचिव जेपीएस राठौर ने बताया कि चुनाव आयोग के साथ बैठक में पार्टी ने तीन बातें रखीं… पहली… प्रत्येक मतदान बूथ पर महिला सुरक्षाकर्मी की तैनाती हो ताकि महिलाओं को सुरक्षा मिलें और अगर पहचान करनी हो तो कोई दिक्कत ना आए. दूसरी… एक परिवार सभी मतदाताओं के नाम एक ही बूथ पर रहें और तीसरी… घनी आबादी वाले बूथ, जहां खड़े होने की पर्याप्त जगह नहीं है वहां कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए उन्हें संभव होने पर दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाए.

आयोग से मिलने पहुंचे सपा के प्रतिनिधिमण्डल में प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, के. के. श्रीवास्तव तथा डॉ0 हरिश्चन्द्र यादव शामिल थे. उन्होंने विधानसभा चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से कराने की मांग की.

सपा ने ज्ञापन देकर अनुरोध किया कि 80 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों तथा दिव्यांग मतदाताओं की सूची विधान सभावार, मतदेय स्थलवार उपलब्ध कराई जाय.

राज्य में ऐसे मतदाताओं की संख्या करीब 40 लाख है और 2022 विधानसभा चुनाव में ऐेसे मतदाताओं को पहली बार घर से मतदान का विकल्प दिया जा रहा है.

ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा को आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया जाय. सपा ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में बड़ी संख्या में डुप्लीकेट मतदाता पंजीकृत हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है.

कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में ओंकार नाथ सिंह, वीरेंद्र मदान और मोहम्मद अनस रहमान शामिल थे. कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश पुलिस की निष्पक्षता पर संदेह जताते हुए आयोग से चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की है.

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश की राज्य काउंसिल की ओर से पार्टी के कोषाध्यक्ष एवं राज्य कार्यकारिणी के सदस्य कामरेड प्रदीप तिवारी ने 2022 में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के संबंध में पार्टी का प्रतिवेदन सौंपा और चर्चा में भाग लिया.

भाकपा के प्रतिवेदन में कहा गया है की शासक दल द्वारा चुनाव अभियान के लिए सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग को रोकने के लिए तत्काल विधानसभा चुनावों की घोषणा की जाये और आदर्श आचार संहिता अविलंब लागू की जाये.

उसमें कहा गया है कि देश के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य की विधानसभा चुनाव सन- 2022 के प्रारंभ में अपेक्षित हैं. ये चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और निर्धारित समय सीमा में हों, निर्वाचन आयोग से ऐसी अपेक्षा है.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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