नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि सरकार के इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है कि केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान कितने किसानों की मौत हुई.
उन्होंने जनता दल (यू) के राजीव रंजन सिंह, कांग्रेस के अब्दुल खालिक, गौरव गोगोई और अदूर प्रकाश, बसपा कुंवर दानिश अली तथा कुछ अन्य सदस्यों के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी कहा कि आंदोलन के दौरान जान गंवाने किसानों के परिवारों को मुआवजा देने से जुड़ा कोई प्रस्ताव नहीं है.
इन सदस्यों ने सवाल किया था कि क्या सरकार इस बात से अवगत है कि आंदोलन के दौरान कितने किसानों की मौत हुई और कितने किसान बीमार पड़े? क्या सरकार के पास कोई प्रस्ताव है कि जिन किसानों की मौत हुई है उनके परिवारों को मुआवजा दिया जाए?
तोमर ने अपने उत्तर में कहा, ‘भारत सरकार के पास ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है. बहरहाल, सरकार ने किसान संगठनों के साथ बातचीत के दौरान उनसे यह अपील की कि सर्दी और कोविड के हालात को देखते हुए बच्चों तथा बुजुर्गों खासकर महिलाओं को घर जाने दिया जाए.’
उन्होंने मुआवजे से जुड़े सवाल पर कहा, ‘उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, जी नहीं.’
कृषि मंत्री ने हैदराबाद से लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी के एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि किसान संगठनों के साथ उनके मुद्दों को लेकर 11 दौर की बातचीत की गई और सरकार आगे भी उनसे बातचीत करने के लिए तैयार है.
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