नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि अनुसूचित जाति और जनजाति के कृषिकों समेत किसानों की कर्जमाफी का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.
वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने बीएसपी सांसदों हाजी फजलुर रहमान और गिरीश चंद्र के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.
दोनों सांसदों ने सवाल किया था कि सरकारी क्षेत्रों के बैंकों द्वारा 2019 से और चालू वित्त वर्ष के दौरान छोटे और सीमांत किसानों को श्रेणीवार, बैंकवार ऋण का प्रतिशत, धनराशि का ब्यौरा क्या है, क्या सरकार का विचार उत्तर प्रदेश और देश के दूसरे हिस्सों के अनुसूचित जाति एवं जनाजाति के लोगों और किसानों का कर्ज माफ करने का है?
इसके जवाब में मंत्री ने कहा, ‘भारत सरकार ने 2008 की कृषि ऋण माफी एवं ऋण राहत योजना के बाद किसी भी कृषि ऋण माफी योजना को क्रियान्वित नहीं किया है. देश में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति के कृषकों सहित किसानों की कर्जमाफी संबंधी कोई प्रस्ताव भारत सरकार के पास विचाराधीन नहीं है.’
कराड ने यह भी बताया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समेत किसानों के कल्याण और उन पर कर्ज का बोझ कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं.
मंत्री ने कहा कि भारत सरकार, कृषि सहकारिता और किसान कल्याण विभाग द्वारा किसानों को सात प्रतिशत प्रति वर्ष कम ब्याज दर पर कृषि ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तीन लाख रुपए तक की अल्पावधि फसल ऋण संबंधी ब्याज सहायता योजना का क्रियान्वयन किया जाता है.
उन्होंने किसान कल्याण योजना के तहत प्रति किसान सालाना छह हजार रुपए की सहायता समेत कई अन्य कदमों का भी जिक्र किया.
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