नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्यमंत्रियों से प्रौद्योगिकी पर आधारित एवं डाटा-संचालित शासन के मॉडल को लागू करने और ‘लाइसेंस राज’ समाप्त करने का आग्रह किया.
बीजेपी के आधिकारिक बयान के मुताबिक, अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के दो दिवसीय दौरे के दौरान एक चार घंटे से अधिक चली बैठक में पीएम मोदी ने वहां उपस्थित भाजपा के सभी 12 मुख्यमंत्रियों से हर क्षेत्र में अनुपालन बोझ को कम करने व जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीले बुनियादी ढांचे और प्राकृतिक खेती पर ध्यान देने का आग्रह किया.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पार्टी के सभी उपमुख्यमंत्रियों और अन्य शीर्ष नेताओं ने भी इस बैठक में भाग लिया, जिसका उद्देश्य पार्टी के भीतर सुशासन संबंधी कार्यप्रणाली को साझा करना था.
भाजपा के वरिष्ठ नेता विनय सहस्रबुद्धे ने दिप्रिंट को बताया, ‘इस बारे में मूल विचार सबसे अच्छी कार्यप्रणाली और शासन के भाजपा मॉडल का प्रदर्शन करना था.’
मुख्यमंत्रियों और उनके प्रतिनिधियों ने अपने-अपने राज्यों की प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं को प्रस्तुत किया और इनसे सम्बंधित नवीन तौर-तरीकों पर विस्तार से प्रकाश डाला.
इनमें जलवायु परिवर्तन के प्रति लोचदार बुनियादी ढांचे वाली परियोजनाएं, परिवारों के पहचान पत्र जारी करना, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं और स्वयं सहायता समूहों को केंद्र में रखते हुए ग्रामीण आजीविका कार्यक्रम आदि जैसी कुछ योजनाएं शामिल हैं.
सहस्रबुद्धे, जो बैठक के दौरान मौजूद थे, ने कहा, ‘कई मुख्यमंत्रियों ने अपने राज्यों में अपनाई गई सर्वोत्तम कार्यप्रणाली के बारे में अपनी प्रस्तुतियां (प्रेजेंटेशन) दीं. इनमें से कुछ अत्यधिक सफल हैं और यह बात अन्य मुख्यमंत्रियों के ध्यान में भी आई कि उन्हें भी इन्हें अपनाना चाहिए.
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पीएम ने क्या-क्या कहा?
भाजपा द्वारा जारी बयान के अनुसार, पीएम मोदी ने इस बैठक के दौरान शासन के विभिन्न आयामों पर रोशनी डाली और प्रत्येक भाजपा सरकार से किसी-न-किसी क्षेत्र में अपने लिए एक खास जगह बनाने का आह्वान किया.
पीएम ने अपनी सरकार के ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन (मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस) वाले सूत्र वाक्य का हवाला देते हुए मुख्यमंत्रियों से ‘ईज ऑफ लिविंग (जीवन जीने में आसानी)’ को प्राथमिकता देने का भी आह्वान किया. इस बयान में कहा गया है कि उन्होंने पुराने कानूनों को ख़त्म करने और अनुपालन बोझ को कम करने की भी मांग की.
उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा कि वे तीव्र गति और पारदर्शिता के साथ योजनाओं को इनके अंतिम सिरे तक पहुंचाने (लास्ट माइल डिलीवरी) के लिए शासन के प्रति डाटा-संचालित दृष्टिकोण अपनाएं.
बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार के आत्मनिर्भरता पर दिए जा रहे जोर के बीच आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देने के लिए प्रधान मंत्री ने मुख्यमंत्रियों को ‘एक जिला, एक उत्पाद’ जैसे योजना पर काम करने के लिए कहा. साथ ही, सभी राज्यों को अपने-अपने उत्पादों को विदेशों में निर्यात करने पर विचार करने के लिए भी कहा गया.
मोदी ने युवा विकास और महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूप में चिन्हित करते हुए इनके महत्व पर भी जोर दिया. उन्होंने कुपोषण के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करने की आवश्यकता का भी जिक्र किया.
अपनी शुरुआती टिप्पणी में जेपी नड्डा ने कहा कि भाजपा और ‘सुशासन’ एक दूसरे के पर्याय बन गए हैं. उन्होंने पीएम मोदी की भी सफलता की सराहना की क्योंकि उन्होंने इस साल अपने सार्वजनिक कार्याकाल के दो दशक पूरे कर लिए हैं.
इस बैठक के बाद नड्डा, सभी मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री वाराणसी विकास प्राधिकरण की गोवर्धन परियोजना, दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्थल और सारनाथ के दौरे पर भी गए.
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