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Friday, 22 November, 2024
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा- गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को इस्तीफा देना होगा, जेल जाना पड़ेगा

उन्होंने आरोप लगाया, ‘सरकार हमें बोलने की अनुमति नहीं दे रही है, इस कारण सदन में व्यवधान पैदा हुआ है. हमने कहा है कि रिपोर्ट आई है और उनके मंत्री इसमें शामिल हैं, ऐसे में इस पर चर्चा होनी चाहिए. लेकिन वह चर्चा नहीं होने देना चाहते हैं.'

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नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लखीमपुर-खीरी हिंसा मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से अदालत में दिए गए आवेदन की पृष्ठभूमि में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को इस्तीफा देना पड़ेगा तथा जेल भी जाना होगा.

उन्होंने यह भी कहा कि एक तरफ तो प्रधानमंत्री किसानों से माफी मांगते हैं और दूसरी तरफ वह एक ऐसे व्यक्ति को मंत्री बनाए हुए हैं जिसने ‘किसानों को मारा है.’

लखीमपुर-खीरी हिंसा मामले से जुड़े एसआईटी के आवेदन को लेकर बुधवार को लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिन भर लिए स्थगित कर दी गई.

राहुल गांधी ने लखीमपुर-खीरी मामले पर बुधवार को लोकसभा में कार्यस्थगन का नोटिस दिया था. नोटिस में उन्होंने सदन में नियत कामकाज स्थगित करने की मांग की थी और कहा था कि एसआईटी रिपोर्ट को लेकर सदन में चर्चा होनी चाहिए.

सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया, ‘किसानों की हत्या की गई. कहा जा रहा है कि इसमें मंत्री में शामिल हैं. वह प्रधानमंत्री के मंत्रिमंडल में हैं. प्रधानमंत्री एक तरफ किसानों से माफी मांगते हैं और दूसरी तरफ जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा तक नहीं देते. उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति को अपनी मंत्रिपरिषद में रखा है जो हत्यारा है, जिसने (किसानों को) मारा है.’

उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को संसद में उठाना चाहते थे, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई.

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के इस बयान को अतार्किक करार दिया जिसमें उन्होंने कहा है कि लखीमपुर खीरी मामले पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती क्योंकि यह अदालत में विचाराधीन है.

राहुल गांधी ने जोर देकर कहा, ‘हमने किसानों के परिवार से वादा किया था कि दबाव डालकर न्याय दिलवाएंगे. हमने कृषि कानूनों को लेकर कहा कि इनको वापस लेना पड़ेगा, आपने देखा कि इनको वापस लिया गया है. इसी तरह मंत्री को भी इस्तीफा देना पड़ेगा और जेल जाना होगा. हम नहीं छोड़ेंगे. पांच साल, 10 साल या 15 साल लग जाएं, मंत्री को जेल जाना होगा.’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘सरकार हमें बोलने की अनुमति नहीं दे रही है, इस कारण सदन में व्यवधान पैदा हुआ है. हमने कहा है कि रिपोर्ट आई है और उनके मंत्री इसमें शामिल हैं, ऐसे में इस पर चर्चा होनी चाहिए. लेकिन वह चर्चा नहीं होने देना चाहते हैं.’

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अब तक की छानबीन और साक्ष्यों के आधार पर दावा किया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के पुत्र और उसके सहयोगियों द्वारा जानबूझकर, सुनियोजित साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया गया.

एसआईटी के मुख्य जांच निरीक्षक विद्याराम दिवाकर ने मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में दिये गये आवेदन में आरोपियों के विरुद्ध उपरोक्‍त आरोपों की धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का अनुरोध किया है.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा मोनू समेत उसके 13 साथियों पर लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहे किसानों को जीप से कुचलने का आरोप है. इस घटना में और इसके बाद भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी.

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