गोवाहटी: असम की तेजपुर केंद्रीय जेल में पिछले सात साल से बंद 10 रोहिंग्या लोगों ने गुवाहाटी हाई कोर्ट से अपील की है कि या तो उन्हें शरणार्थी का दर्जा दिया जाए या उन्हें वापस म्यांमार भेज दिया जाए.
एक दूसरे से संबंधित दो परिवारों के 10 व्यक्तियों को 2014 में बिना वैध दस्तावेजों के देश में प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और तब से वे जेल में हैं.
न्यायमूर्ति कोटेश्वर सिंह और न्यायमूर्ति मालाश्री नंदी ने हाल ही में उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं ने स्वीकार किया है कि वे म्यांमार के नागरिक हैं जिन्हें उचित दस्तावेज के बिना देश में प्रवेश करने के लिए दोषी ठहराया गया है.
अदालत ने कहा कि उन्होंने अदालत द्वारा लगाई गई सजा काट ली है और जेल में बंद हैं.
अदालत ने कहा कि विदेशी नागरिक न्यायाधिकरण के विशेष वकील ने सरकार से निर्देश लेने के लिए कुछ समय मांगा है कि वह याचिकाकर्ताओं के मामले में क्या कार्रवाई करेगी.
अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 16 दिसंबर की तिथि तय की है.
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